बागपत: मस्जिद में किशोर से हैवानियत, नशीली कोल्डड्रिंक पिलाकर कुकर्म, आरोपियों पर FIR

बागपत जिले के निवाड़ा गांव में 20 जुलाई 2025 को तकिया वाली मस्जिद में घटी एक अत्यंत शर्मनाक और अमानवीय घटना है, जिसने न केवल स्थानीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया, बल्कि धर्म और नैतिकता के मूल्यों पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं। इस मामले में दो आरोपियों, दानिश और सद्दाम, पर एक नाबालिग किशोर के साथ नशीली कोल्डड्रिंक पिलाकर अप्राकृतिक कुकर्म करने का आरोप है। घटना की गंभीरता और मस्जिद जैसे पवित्र स्थल पर इसकी घटना ने समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है।

घटना का विवरण

घटना उस समय हुई जब एक किशोर, जो इस्लामिक जमात में भाग लेने के लिए मस्जिद गया था, वहां मौजूद दानिश और सद्दाम के जाल में फंस गया। दोनों आरोपियों ने पहले किशोर को बहलाया-फुसलाया और फिर उसे कोल्डड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। किशोर के बेहोश होते ही दोनों ने उसके साथ बारी-बारी से अप्राकृतिक कुकर्म किया। पीड़ित किशोर ने अपनी आपबीती में बताया, “मैं जमात में गया था जहां दानिश और सद्दाम ने मुझे कोल्डड्रिंक दी, जिसके बाद मैं बेहोश हो गया और फिर मेरे साथ गलत काम किया। इससे मेरी तबीयत बिगड़ गई थी।”

किशोर की तबीयत बिगड़ने पर मामला उसके परिजनों तक पहुंचा। परिजन मस्जिद पहुंचे और बेहोशी की हालत में उसे घर लाए। होश आने पर किशोर ने जो बताया, उससे परिवार के पैरों तले जमीन खिसक गई।

न्याय की राह में बाधाएं

इस मामले की सबसे परेशान करने वाली बात यह थी कि जब पीड़ित के परिवार ने न्याय की मांग की, तो मस्जिद से जुड़े कुछ लोगों ने मामले को दबाने की कोशिश की। परिजनों पर दबाव डाला गया कि वे पुलिस में शिकायत दर्ज न करें और समझौता कर लें। पीड़ित के पिता ने बताया, “मेरा बेटा जमात में गया था जहां उसके साथ गंदा काम किया गया। हम पर शिकायत दर्ज न करने का दबाव बनाया गया। हमने पुलिस को सूचना दी, लेकिन कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।”

हालांकि, परिवार ने हार नहीं मानी और 25 जुलाई 2025 को बागपत के शहर कोतवाली थाने में दानिश और सद्दाम के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर इसकी पुष्टि की और बताया कि सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है, साथ ही आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। बावजूद इसके, अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी की कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है, और पुलिस ने इस मामले पर ऑन-कैमरा कोई बयान नहीं दिया।

कानूनी और सामाजिक संदर्भ

इस मामले में पॉक्सो एक्ट (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेस) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) या भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि पीड़ित नाबालिग है। पॉक्सो एक्ट के तहत नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों में कठोर सजा का प्रावधान है, जिसमें 7 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है।

यह घटना सामाजिक स्तर पर कई गंभीर मुद्दों को उजागर करती है:

  1. पवित्र स्थलों की मर्यादा: मस्जिद जैसे धार्मिक स्थल पर इस तरह की घटना ने समाज में आक्रोश पैदा किया है। यह सवाल उठता है कि ऐसे स्थानों पर बच्चों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए।
  2. नशीले पदार्थों का दुरुपयोग: नशीली कोल्डड्रिंक का इस्तेमाल इस तरह के अपराधों में एक खतरनाक प्रवृत्ति को दर्शाता है। यह समाज और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक चेतावनी है।
  3. समुदाय का दबाव: मामले को दबाने की कोशिश और समझौते का दबाव पीड़ितों के लिए न्याय की राह को और कठिन बनाता है। यह सामाजिक जागरूकता और नैतिकता की कमी को दर्शाता है।
  4. पुलिस की भूमिका: पुलिस की ओर से मुकदमा दर्ज होने के बावजूद तत्काल गिरफ्तारी न होना पीड़ित परिवार और समाज में असंतोष पैदा कर सकता है।

वर्तमान स्थिति

पुलिस ने 31 जुलाई 2025 को अपने X हैंडल पर पुष्टि की कि थाना कोतवाली बागपत में अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है और वैधानिक कार्रवाई जारी है। हालांकि, समाचार स्रोतों और X पोस्ट्स के अनुसार, अभी तक दानिश और सद्दाम की गिरफ्तारी की कोई पुष्टि नहीं हुई है। यह मामला स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है, और लोग इसकी निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।