निक्की भाटी केस: जलने से पहले सिलेंडर ब्लास्ट की कहानी क्यों सुनाई, दबाव या कोई और वजह?

ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में विवाहिता निक्की भाटी की संदिग्ध मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। निक्की को झुलसने के बाद अस्पताल ले जाया गया था, जहां उसने डॉक्टर को बताया था कि घर में सिलेंडर फटने से उसकी हालत हुई। अस्पताल ने इस बयान को आधार बनाकर पुलिस को सूचना भेजी थी। लेकिन पुलिस की विवेचना और घर की जांच में सिलेंडर ब्लास्ट के कोई सबूत नहीं मिले

जांच के दौरान पुलिस को मौके से थिनर की बोतल, लाइटर और चप्पल बरामद हुईं। इससे आशंका है कि निक्की को जिंदा जलाया गया या उसने किसी दबाव में आकर असलियत छुपाई। डॉक्टर ने अपने बयान में भी साफ किया है कि यह जानकारी खुद निक्की ने दी थी। सवाल यह उठ रहा है कि जब उस पर हमला हुआ था, तो उसने ससुराल पक्ष के बचाव में झूठ क्यों बोला?

🔎 पुलिस को शक है कि निक्की किसी दबाव में थी या फिर उसने अपनी बहन कंचन (जो उसी घर की बहू है) के भविष्य को देखते हुए सच्चाई छुपाने की कोशिश की। यह भी माना जा रहा है कि परिवार की प्रतिष्ठा या रिश्तों को बचाने के लिए उसने अस्पताल में गलत बयान दिया।

अब इस केस में फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट और डॉक्टर का कोर्ट में दिया गया बयान बेहद अहम होंगे। जांच में बरामद सामान से फिंगरप्रिंट और रासायनिक जांच कर यह पता लगाया जाएगा कि असल में निक्की की मौत कैसे हुई।

💬 इस बीच, राज्य महिला आयोग ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच अधिकारी से बात की है और साफ कहा है कि जांच किसी दबाव में न होकर निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए।

➡️ यह मामला अब सिर्फ एक संदिग्ध मौत का नहीं, बल्कि उस बड़े सवाल का बन गया है