महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार में बुधवार की रात एक गैरकानूनी चार मंजिला इमारत का हिस्सा गिरने से बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हैं। मृतकों में एक मां-बेटी की जोड़ी भी शामिल है।
हादसा कैसे हुआ?
यह हादसा बुधवार सुबह 12:05 बजे हुआ, जब रामाबाई अपार्टमेंट का पिछला हिस्सा अचानक भरभराकर गिर गया। यह इमारत वर्ष 2012 में बनाई गई थी, लेकिन अधिकारियों के मुताबिक यह पूरी तरह से गैरकानूनी निर्माण था।
बचाव कार्य जारी
- NDRF की दो टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं।
- पालघर जिला कलेक्टर इंदु रानी जाखड़ ने कहा कि मलबे में अब भी लोगों के फंसे होने की आशंका है।
- संकरी गलियों के कारण शुरुआती चरण में मलबा हाथों से हटाना पड़ा, बाद में भारी मशीनें लगाई गईं।
- अब तक 17 लोगों का पता चला – 14 की मौत, 1 घायल और 2 सुरक्षित बाहर निकाले गए।
प्रशासन की कार्रवाई
- वसई-विरार नगर निगम (VVMC) की शिकायत पर बिल्डर को हिरासत में ले लिया गया है।
- VVMC अधिकारियों ने साफ किया कि यह इमारत बिना इजाजत बनाई गई थी।
- हादसे वाली चॉल और आसपास की दूसरी चॉलों को खाली करा कर लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा गया।
प्रभावित परिवारों के लिए राहत
- ढहे हुए हिस्से में करीब 12 फ्लैट थे, जिनमें रहने वाले परिवार अब बेघर हो गए हैं।
- पीड़ित परिवारों को फिलहाल चंदनसर समाजमंदिर में ठहराया गया है।
- प्रशासन ने वहां खाना, पानी, दवाइयां और जरूरी सामान उपलब्ध कराया है।
➡️ यह हादसा सिर्फ एक निर्माण त्रुटि का परिणाम नहीं, बल्कि गैरकानूनी इमारतों पर लगाम न लगाने की लापरवाही का भी बड़ा सबूत है। सवाल यह है कि जब VVMC को पहले से इस इमारत की जानकारी थी, तो कार्रवाई क्यों नहीं हुई? और कितनी ऐसी इमारतें अब भी लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बनी हुई हैं?