छतों से फेंके गए पत्थर और बोतलें, 25 लोग घायल; पुलिस ने किया लाठीचार्ज, विहिप की बाइक रैली ने बढ़ाया तनाव
🏙️ कटक: पूजा से दंगे तक की कहानी
ओडिशा के ऐतिहासिक शहर कटक में शनिवार रात दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान हुई झड़प ने पूरे शहर को दहला दिया।
शांतिपूर्ण माहौल वाले इस शहर में देखते-देखते धार्मिक तनाव ने हिंसक रूप ले लिया, और स्थिति इतनी बिगड़ी कि प्रशासन को 36 घंटे का कर्फ्यू और 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद करनी पड़ीं।
घटना दरगाह बाजार इलाके की है, जहां एक दुर्गा पूजा जुलूस काठजोड़ी नदी की ओर बढ़ रहा था।
रात करीब 1:30 से 2:00 बजे के बीच स्थानीय लोगों ने तेज़ म्यूजिक पर आपत्ति जताई — और यहीं से शुरू हुई बहस ने पत्थरबाज़ी और आगज़नी का रूप ले लिया।
⚡ कैसे भड़की हिंसा?
पुलिस और चश्मदीदों के मुताबिक,
जुलूस में शामिल कुछ युवकों और इलाके के कुछ लोगों के बीच तेज़ DJ साउंड को लेकर विवाद हुआ।
थोड़ी देर में छतों से पत्थर और बोतलें फेंकी जाने लगीं, जिससे अफरातफरी मच गई।
जुलूस में शामिल लोगों ने भी जवाबी कार्रवाई की, और दोनों तरफ से हिंसा शुरू हो गई।
इस झड़प में कटक के DCP खीलारी ऋषिकेश द्न्यानदेव समेत 25 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी और स्थानीय नागरिक दोनों शामिल हैं।
स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और
अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
CCTV, ड्रोन और मोबाइल वीडियो की मदद से पुलिस अन्य आरोपियों की पहचान कर रही है।
🚫 कर्फ्यू और इंटरनेट बैन
तनाव फैलने के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए।
रविवार शाम 7 बजे से सोमवार शाम 7 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं।
इस दौरान WhatsApp, Facebook, Instagram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगी रही ताकि अफवाहें न फैलें।
इसके अलावा, रविवार रात 10 बजे से 13 थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू कर दी गई।
संवेदनशील इलाकों — दरगाह बाजार, गौरीशंकर पार्क, बिद्याधरपुर — में भारी पुलिस बल और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) तैनात किए गए हैं।
🏍️ विहिप की रैली से फिर भड़की आग
तनाव कम होने से पहले ही रविवार शाम विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने
प्रशासन की मनाही के बावजूद बाइक रैली निकाली, जिससे माहौल और बिगड़ गया।
यह रैली बिद्याधरपुर से दरगाह बाजार होते हुए CDA सेक्टर 11 तक गई।
रैली के दौरान कई CCTV कैमरे तोड़े गए, कुछ दुकानों में आगजनी और तोड़फोड़ भी हुई।
इसके बाद विहिप ने सोमवार को 12 घंटे का कटक बंद बुलाया और DCP व कलेक्टर के तबादले की मांग की।
🗣️ राजनीतिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी ने जनता से शांति की अपील की और कहा —
“कुछ शरारती तत्वों ने कटक की गंगा-जमुनी तहज़ीब को नुकसान पहुंचाया है।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी और घायलों को मुफ्त इलाज मिलेगा।”
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री और BJD प्रमुख नवीन पटनायक ने इसे
“प्रशासनिक विफलता” बताया और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने भी राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि
“पुलिस समय रहते हिंसा रोकने में असफल रही।”
🚨 हाई अलर्ट और सुरक्षा इंतज़ाम
राज्य के DGP वाई. बी. खुरानिया ने
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और पूरे शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया।
120 दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन रविवार सुबह पुलिस सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से पूरा किया गया।
किसी भी नई घटना की सूचना नहीं है, लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है।
🕯️ कटक की फिज़ा में बेचैनी
कभी दुर्गा पूजा की रौनक से जगमगाने वाला कटक अब
सुरक्षाबलों की जीपों और सायरनों की आवाज़ से गूंज रहा है।
बाज़ार बंद हैं, गलियों में सन्नाटा है और लोग घरों में बंद हैं।
एक स्थानीय दुकानदार ने कहा —
“हमने कभी नहीं सोचा था कि पूजा का त्योहार दंगों में बदल जाएगा।
बस चाहते हैं कि अब शांति लौट आए।”
⚫ निष्कर्ष
कटक की यह घटना एक छोटी सी बहस से शुरू होकर बड़े सांप्रदायिक तनाव में बदल गई —
जो बताती है कि सोशल मीडिया, अफवाहें और असहिष्णुता कितनी जल्दी आग फैला सकते हैं।
प्रशासन भले स्थिति पर नियंत्रण का दावा करे,
पर अब शहर को फिर से विश्वास और भाईचारे का पुल बनाना होगा।
