सर्दियों की शुरुआत के साथ ही राजधानी दिल्ली एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में आ गई है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार खतरनाक स्तर पर बना हुआ है, जिससे लोगों के लिए खुली हवा में सांस लेना तक मुश्किल हो गया है। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए कड़े और बड़े फैसलों का ऐलान किया है।
दिल्ली सरकार ने साफ कर दिया है कि अब वायु प्रदूषण के खिलाफ युद्धस्तर पर कार्रवाई होगी। इस क्रम में मजदूरों, नौकरीपेशा लोगों और वाहन चालकों—तीनों के लिए अहम कदम उठाए गए हैं।
मजदूरों को ₹10,000 की आर्थिक सहायता
दिल्ली सरकार के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने बुधवार, 17 दिसंबर 2025 को बताया कि GRAP-III और GRAP-IV लागू होने के कारण निर्माण कार्य पूरी तरह बंद रहा, जिससे हजारों मजदूरों की आजीविका प्रभावित हुई है।
सरकार ने सभी रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों को ₹10,000 की सहायता राशि देने का फैसला किया है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे मजदूरों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।
मंत्री के अनुसार, GRAP-III के तहत पिछले 16 दिनों से काम बंद है, इसलिए यह मुआवजा दिया जा रहा है। GRAP-4 लागू होने की स्थिति में आगे भी मदद दी जाएगी।
वर्क फ्रॉम होम पर बड़ा आदेश
प्रदूषण कम करने के लिए सरकार ने दफ्तरों में भी सख्ती की है।
- सभी सरकारी और निजी संस्थानों को केवल 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ काम करने का निर्देश
- शेष 50 प्रतिशत कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम अनिवार्य
हालांकि यह आदेश
- अस्पताल
- बिजली और पानी विभाग
- फायर ब्रिगेड
- आपदा प्रबंधन
- पर्यावरण से जुड़े विभागों
पर लागू नहीं होगा।
सरकार ने वर्किंग आवर्स को फ्लेक्सिबल रखने और कार पूलिंग को बढ़ावा देने की भी अपील की है।
वाहनों पर कड़ी सख्ती
दिल्ली में प्रदूषण का बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं माना जा रहा है। इसे देखते हुए—
- GRAP के तहत वाहनों की आवाजाही पर सख्ती
- पुराने और ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध
- नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना और कार्रवाई
सरकार ने साफ कहा है कि किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
नियम नहीं माने तो कार्रवाई
श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने चेतावनी दी कि वर्क फ्रॉम होम, 50 प्रतिशत उपस्थिति और GRAP नियमों का पालन नहीं करने वाले संस्थानों व लोगों पर कड़ी कार्रवाई और जुर्माना लगाया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में प्रदूषण कोई नई समस्या नहीं है, बल्कि यह पिछले 25–30 वर्षों की देन है। इसे कुछ महीनों में खत्म करना संभव नहीं, लेकिन सरकार के ये कदम लोगों की सेहत बचाने के लिए जरूरी हैं।
हर साल सर्दियों में बिगड़ते हैं हालात
गौरतलब है कि हर साल सर्दियों में दिल्ली की हवा बेहद गंभीर श्रेणी में पहुंच जाती है। स्मॉग की मोटी परत बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा बन जाती है, जिस वजह से सरकार को बार-बार GRAP जैसे आपात उपाय लागू करने पड़ते हैं।
