गलत पावर परचेज एग्रीमेंट के चलते निजी बिजली उत्पादन कंपनियों को बिना एक भी यूनिट बिजली खरीदे 6761 करोड़ रुपए का किया सालाना भुगतान

बिजली के निजीकरण का विरोध कर रही विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, और राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि प्रदेश सरकार विद्युत वितरण निगमों में घाटे के भ्रामक आंकड़ें देकर पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय लिया है जिससे बिजली कर्मियों में भारी आक्रोश व्याप्त है।

बिजली कर्मी विगत 07 माह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं किंतु अत्यंत खेद का विषय है कि उनसे एक बार भी वार्ता नहीं की। आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में गलत पावर परचेज एग्रीमेंट के चलते निजी बिजली उत्पादन कंपनियों को बिना एक भी यूनिट बिजली खरीदे 6761 करोड रुपए का सालाना भुगतान करना पड़ रहा है । बुनकरों आदि को भी लगभग 22000 करोड रुपए सब्सीडी दी जाती है। उत्तर प्रदेश सरकार इन सबको घाटा बताती है और इसी आधार पर निजीकरण का निर्णय लिया गया है जो भ्रामक है।

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