📍 लैलूंगा/रायगढ़, आवाज़ प्लस डेस्क |
दिनांक: 06 जुलाई 2025
लैलूंगा क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है जहाँ स्थानीय शिक्षक अली अहमद ने सिन्हा ऑटो डील के संचालक एवं युवा नेता अपरांश सिन्हा पर ₹4.25 लाख रुपये की ठगी का गंभीर आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने थाना लैलूंगा में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिससे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिक्षक अली अहमद ने बताया कि आरोपी अपरांश सिन्हा ने उन्हें दो पोस्ट डेटेड चेक सौंपे थे, जो तीन बार बैंक द्वारा “अपर्याप्त राशि” के कारण बाउंस हो गए। यह चेक HDFC बैंक, शाखा लैलूंगा के खाता क्रमांक 50200095870784 से जारी किए गए थे।
अली अहमद ने आरोप लगाया कि आरोपी ने पूर्व नियोजित तरीके से अपने खाते में राशि न रखते हुए धोखाधड़ी की योजना बनाई थी। उन्होंने बाउंस हुए चेक से संबंधित बैंक मेल और दस्तावेज शिकायत के साथ संलग्न किए हैं।
शिकायतकर्ता ने अपने आवेदन में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक निर्णय “ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश शासन (2013)” का हवाला देते हुए FIR दर्ज करने की अनिवार्यता की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता (B.N.S.S.) की धारा 318 (पूर्व आईपीसी की धारा 420) के तहत अपराध पंजीबद्ध कर तत्काल कानूनी कार्यवाही की मांग की है।
घटना का क्रम:
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21 नवंबर 2024 – आरोपी ने दो पोस्ट डेटेड चेक दिए (HDFC बैंक से)
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20 दिसंबर – पहला चेक बैंक में प्रस्तुत किया गया, 23 दिसंबर को बाउंस हुआ
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26 दिसंबर – वही चेक फिर से प्रस्तुत किया गया, फिर बाउंस
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14 जनवरी – दूसरा चेक जमा किया गया, 15 जनवरी को भी बाउंस हुआ
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कारण: तीनों बार “अपर्याप्त राशि”
प्रमाण:
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बैंक द्वारा भेजे गए तीन अस्वीकृति मेल एवं दस्तावेज (Annexure 01, 02, 03)
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आरोपी द्वारा पहले से नियोजित धोखाधड़ी की आशंका
कानूनी पहलू:
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धारा 318 बी.एन.एस.एस. (पूर्व धारा 420 आईपीसी) के तहत अपराध पंजीबद्ध करने की मांग
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ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश शासन (2013) केस का हवाला – FIR दर्ज करना अनिवार्य
संभावित कानूनी परिणाम:
अगर जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो:
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आरोपी पर धोखाधड़ी (Cheating) का मामला बन सकता है
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चेक बाउंस अधिनियम के तहत भी कार्रवाई संभव है (धारा 138, NI Act)
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आरोपी की राजनीतिक और सामाजिक छवि को भी बड़ा नुकसान हो सकता है
🔍 पुलिस जांच जारी
लैलूंगा थाना पुलिस ने शिकायत प्राप्त कर मामले की प्राथमिक जांच शुरू कर दी है। वहीं स्थानीय स्तर पर इस घटना को लेकर राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।
📌 यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो आरोपी को गंभीर कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ सकता है।
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