पटना के चर्चित व्यापारी गोपाल खेमका हत्याकांड में अब प्रशासनिक कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। पुलिस की लापरवाही उजागर होने के बाद पटना IG ने गांधी मैदान थाने के SHO राजेश कुमार को निलंबित कर दिया है। उन पर आरोप है कि हत्या के करीब 90 मिनट बाद वे घटनास्थल पर पहुंचे, जिससे जांच और गिरफ्तारी में देरी हुई।
⚖️ SHO पर गिरी गाज: लापरवाही से बिगड़ा केस का ट्रैक
- SHO की मौके पर देरी से पहुंचने की वजह से साक्ष्य जुटाने और शुरुआती कार्रवाई में खामी आई।
- पटना SSP कार्तिकेय शर्मा की रिपोर्ट पर IG ने तत्काल निलंबन का आदेश जारी किया।
- यह कदम एक सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा है कि अपराध को लेकर लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं होगी।
🔎 हत्या का मास्टरमाइंड निकला कारोबारी अशोक साव
पुलिस ने चार दिनों के भीतर केस को लगभग सुलझा लिया:
- शूटर उमेश यादव को गिरफ्तार किया गया।
- 8 जुलाई को दूसरे आरोपी विकास उर्फ राजा मुठभेड़ में मारा गया।
- मास्टरमाइंड अशोक साव, जो खुद लोहे का व्यापारी है, को भी पुलिस ने दबोच लिया।
🧠 हत्या की वजह?
जांच में खुलासा हुआ है कि अशोक साव ने 4 लाख रुपये में सुपारी देकर हत्या करवाई। इसका कारण कई जमीनों को लेकर पुराना विवाद था।
📅 क्या हुआ था 4 जुलाई को?
- दोपहर करीब 11:40 बजे, गोपाल खेमका बांकीपुर क्लब से अपने आवास लौट रहे थे।
- गांधी मैदान के पास दो संदिग्धों ने पीछा करते हुए शूटरों को इशारा किया।
- फायरिंग होते ही खेमका की मौके पर ही मौत हो गई।
- पुलिस की टीम 90 मिनट बाद पहुंची, जिससे नाराज़गी और सवाल खड़े हो गए।
🔊 SSP का बयान
“यह मामला सिर्फ एक ज़मीन का नहीं, कई संपत्तियों को लेकर चल रहे विवाद से जुड़ा है। हमारे पास कुछ ऑडियो क्लिप्स भी हैं जो इसे प्रमाणित करते हैं।”
— कार्तिकेय शर्मा, SSP, पटना