कौशांबी में महिला चोर गैंग का पर्दाफाश: मंदिरों में स्नैचिंग कर महिलाओं के मंगलसूत्र चुराने वाला गिरोह पुलिस के हत्थे चढ़ा

उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है, जहां पुलिस ने एक महिला-प्रधान चोर गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह मंदिरों, मेलों और बाजारों में भीड़ का फायदा उठाकर महिलाओं के मंगलसूत्र और चेन चुराने का काम करता था। गिरोह में सात महिलाएं और दो पुरुष शामिल थे, जिन्हें सैनी थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनके कब्जे से 19 मंगलसूत्र, पांच सर्जिकल ब्लेड, एक अवैध तमंचा और एक ऑटो रिक्शा बरामद किया गया है। सभी आरोपी एक ही गांव के निवासी हैं, जो इस गिरोह को एक संगठित और पेशेवर अपराधी समूह का रूप देते हैं। यह घटना न केवल स्थानीय महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ी करती है, बल्कि धार्मिक स्थलों पर अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति को भी उजागर करती है। आइए इस मामले की पूरी जानकारी विस्तार से समझते हैं।

गिरोह का पर्दाफाश: कैसे हुई गिरफ्तारी?

कौशांबी पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ऑटो रिक्शा में सवार संदिग्ध लोग मंदिरों के आसपास घूम रहे हैं और चोरी की योजना बना रहे हैं। इस सूचना पर सैनी थाना प्रभारी की अगुवाई में पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई की। टीम ने सड़क पर ऑटो को रोका और तलाशी ली, जिसमें यह पूरा गिरोह सवार मिला। आरोपी जबरदस्ती भागने की कोशिश करने लगे, लेकिन पुलिस ने उन्हें घेरकर गिरफ्तार कर लिया।

एडिशनल एसपी राजेश सिंह ने बताया कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और मंदिरों में दर्शन करने आने वाली महिलाओं को मुख्य निशाना बनाता था। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ये लोग आसानी से वारदात को अंजाम देते थे। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह के सदस्य एक ही गांव से हैं, जो आपस में रिश्तेदार या परिचित हैं। पुलिस ने सभी नौ आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। अब पुलिस इस गिरोह के अन्य सदस्यों और पिछले अपराधों की जांच कर रही है।

गिरोह के सदस्य: एक ही गांव के अपराधी

पकड़े गए सभी आरोपी करारी थाना क्षेत्र के बैशकाटी गांव के निवासी हैं। यह बात हैरानी भरी है कि एक छोटे से गांव से इतने सारे लोग संगठित होकर चोरी का धंधा चला रहे थे। गिरोह के सदस्यों की पहचान इस प्रकार है:

  • महिलाएं (सात सदस्य): विमलेश सरोज, सरोज देवी, कचनी देवी, फुलमतिया देवी, ननकी देवी, अर्चना सरोज, क्रांति सरोज।
  • पुरुष (दो सदस्य): समीम खान और कुमारी देवी (नोट: नाम से लगता है कुमारी देवी भी महिला हो सकती है, लेकिन रिपोर्ट में पुरुष श्रेणी में उल्लिखित)।

ये महिलाएं मुख्य रूप से वारदात को अंजाम देती थीं, क्योंकि मंदिरों में महिलाओं के बीच घुसना आसान होता था। पुरुष सदस्य ऑटो चलाने और निगरानी रखने का काम करते थे। पुलिस का मानना है कि महिलाओं की संख्या अधिक होने से गिरोह को संदेह से बचना आसान हो जाता था। पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वे मंगलसूत्र चुराकर उन्हें बाजार में बेच देते थे, जिससे अच्छी कमाई हो जाती थी।

वारदात का तरीका: भीड़ में सर्जिकल ब्लेड से स्नैचिंग

यह गिरोह बेहद चालाकी से काम करता था। मंदिरों, मेलों और बाजारों में भीड़ का फायदा उठाकर महिलाओं के साथ स्नैचिंग (झपटमारी) करता था। महिलाएं दर्शन के बहाने या भीड़ में घुसकर शिकार का चयन करतीं। फिर सर्जिकल ब्लेड का इस्तेमाल कर मंगलसूत्र की चेन को चुपचाप काट देतीं। यह तरीका इतना सफाई से होता था कि शिकार को तुरंत पता नहीं चलता।

एडिशनल एसपी राजेश सिंह ने बताया कि गिरोह ने अब तक कई महिलाओं को शिकार बनाया है। पुलिस को शिकायतें मिली थीं कि मंदिरों में दर्शन के दौरान गहने गायब हो जाते थे, लेकिन आरोपी पकड़े नहीं जा रहे थे। गिरोह का ऑटो रिक्शा मुख्य साधन था, जिससे वे तेजी से घटनास्थल से भाग जाते थे। पुरुष सदस्य तमंचे का इस्तेमाल पकड़े जाने पर डराने के लिए करते थे। पुलिस ने बरामद तमंचा अवैध पाया गया है, जिसकी अलग से जांच की जा रही है।

बरामद सामान: चोरी के औजारों का जखीरा

गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को गिरोह के पास से भारी मात्रा में सामान बरामद हुआ, जो उनके पेशेवर अपराधी होने का सबूत है:

  • 19 मंगलसूत्र: ये सभी चोरी के थे, जिन्हें बाजार में बेचने की योजना थी।
  • 5 सर्जिकल ब्लेड: इनका इस्तेमाल चेन काटने के लिए किया जाता था। ये ब्लेड आसानी से उपलब्ध होते हैं, लेकिन अपराध में उनका उपयोग गंभीर अपराध को दर्शाता है।
  • 1 अवैध तमंचा: हथियार के रूप में इस्तेमाल, जो गिरोह को और खतरनाक बनाता था।
  • 1 ऑटो रिक्शा: वारदात के बाद भागने का मुख्य साधन।

पुलिस ने इन सामानों को जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। इससे यह पता लगेगा कि ये मंगलसूत्र किन-किन महिलाओं के हैं। एडिशनल एसपी ने कहा कि गिरोह के पास और भी सामान हो सकता है, जिसकी तलाश जारी है।

जांच और आगे की कार्रवाई: गांव स्तर पर सतर्कता बढ़ी

पुलिस की जांच में सामने आया कि बैशकाटी गांव में अपराध की जड़ें गहरी हैं। सभी आरोपी गरीबी और बेरोजगारी के कारण इस धंधे में लगे थे, लेकिन उनका संगठन बेहद मजबूत था। पुलिस ने गांव में छापेमारी की योजना बनाई है, ताकि ऐसे अन्य गिरोहों का पता लगाया जा सके।

इस मामले ने कौशांबी पुलिस को सतर्क कर दिया है। अब मंदिरों और बाजारों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और गश्त बढ़ाने का फैसला लिया गया है। एडिशनल एसपी राजेश सिंह ने अपील की कि महिलाएं मंदिर जाते समय सावधानी बरतें और गहने कम पहनें। पुलिस ने पीड़ित महिलाओं से संपर्क करने को कहा है, ताकि उनके मंगलसूत्र लौटाए जा सकें।

सामाजिक प्रभाव: धार्मिक स्थलों पर अपराध का खतरा

यह घटना उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ी करती है। मंदिर जैसे पवित्र स्थलों पर चोरी का गिरोह सक्रिय होना दुखद है। विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक असमानता और बेरोजगारी ऐसे अपराधों को बढ़ावा दे रही है। एक ही गांव से इतने सदस्यों का गिरोह बनना सामाजिक संरचना पर भी सवाल उठाता है। सवाल यह है कि क्या ऐसे और कितने गिरोह सक्रिय हैं, जो भगवान के घर को भी लूट रहे हैं?

पुलिस का यह अभियान प्रशंसनीय है, लेकिन लंबे समय के लिए जागरूकता और सख्ती जरूरी है। इस गिरोह के पर्दाफाश से क्षेत्र की महिलाओं को राहत मिली है, लेकिन अपराध की जड़ों को काटना चुनौती बाकी है।

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