नेपाल में हिंसा-आगजनी देख छलका मनीषा कोइराला का दर्द – कहा, “आज नेपाल के लिए काला दिन है”

नेपाल इन दिनों भारी संकट और हिंसा की आग में झुलस रहा है। सोशल मीडिया बैन से भड़की Gen-Z पीढ़ी (18-28 वर्ष के युवा) सड़कों पर उतर आई है। कई शहरों में तोड़फोड़, आगजनी और पुलिस फायरिंग के बाद हालात बिगड़ गए हैं। इसी बीच नेपाल मूल की बॉलीवुड एक्ट्रेस मनीषा कोइराला ने एक भावुक पोस्ट शेयर कर अपने देश की हालत पर दुख और गुस्सा जताया है।

💔 मनीषा कोइराला का इमोशनल पोस्ट

  • इंस्टाग्राम पर मनीषा ने खून से लथपथ जूते की तस्वीर साझा की।
  • नेपाली भाषा में लिखा –

                 “आजको दिन नेपालका लागि कालो दिन हो — जब जनताको आवाज, भ्रष्टाचारविरुद्धको आक्रोश र न्यायको मागलाई गोलीले जवाफ दिइयो।”

  • हिंदी अनुवाद: “आज नेपाल के लिए एक काला दिन है — जब जनता की आवाज, भ्रष्टाचार के खिलाफ आक्रोश और न्याय की मांग का जवाब गोलियों से दिया गया।”

🎭 मनीषा कोइराला और नेपाल का रिश्ता

  • जन्म: 16 अगस्त 1970, काठमांडू (नेपाल)

परिवार:

  • दादा विशेश्वर प्रसाद कोइराला नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके।
  • पिता प्रकाश कोइराला नेपाल के कैबिनेट मंत्री रहे।

करियर:

  • 1989 में नेपाली फिल्म ‘फेरी भेटौला’ से एक्टिंग की शुरुआत।
  • बॉलीवुड डेब्यू: सुभाष घई की फिल्म ‘सौदागर’ (1991)
  • समाजसेवा: नेपाल में मानव तस्करी और वेश्यावृति रोकने के अभियानों से भी जुड़ी रही हैं।

🚫 ओली सरकार ने सोशल मीडिया पर क्यों लगाया बैन?

  • प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म्स: Facebook, Instagram, WhatsApp, Twitter (X) समेत कई ऐप्स।

कारण:

  • कंपनियों ने नेपाल में Company Law के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं कराया।
  • सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और नियमन से जोड़ा।
  • नतीजा: बैन के बाद देशभर में युवाओं का गुस्सा फूटा, जो अब बड़े आंदोलन का रूप ले चुका है।

📌 निष्कर्ष

नेपाल की सड़कों पर जारी हिंसा ने केवल राजनीति ही नहीं बल्कि जनता और सरकार के बीच विश्वास की गहरी खाई को उजागर कर दिया है। मनीषा कोइराला का यह भावुक पोस्ट साफ करता है कि नेपाल का संकट केवल सोशल मीडिया बैन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनता की आवाज़ और लोकतंत्र की कसौटी का बड़ा सवाल बन चुका है।