लखनऊ के सेंट्रल जोन की कमान अब IPS विक्रांत वीर के हाथ — चर्चित IPS अनिरुद्ध कुमार भेजे गए इटावा

उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में शुक्रवार देर रात एक बार फिर तबादलों का दौर चला।
गृह विभाग ने चार आईपीएस अधिकारियों के तबादले करते हुए कई जिलों और इकाइयों में बड़ा फेरबदल किया है।
सबसे अहम बदलाव राजधानी लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में हुआ, जहां डीसीपी सेंट्रल आशीष श्रीवास्तव को हटा दिया गया है और उनकी जगह अब आईपीएस विक्रांत वीर को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।

👮‍♂️ IPS विक्रांत वीर — सख्त, अनुशासित और अनुभवी अधिकारी

आईपीएस विक्रांत वीर, जो पहले आगरा, मुरादाबाद और बाराबंकी जैसे संवेदनशील जिलों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, अब लखनऊ सेंट्रल जोन की कमान संभालेंगे।
विक्रांत वीर को एक अनुशासित और सख्त अफसर के रूप में जाना जाता है।
अपराध नियंत्रण और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में उनकी कार्यशैली की हमेशा सराहना होती रही है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ के सेंट्रल जोन में हाल के दिनों में विवाद, सड़क अपराध और वीआईपी मूवमेंट की चुनौतियां बढ़ गई थीं।
इन परिस्थितियों में विक्रांत वीर की नियुक्ति को रणनीतिक और भरोसेमंद कदम माना जा रहा है।

💬 लखनऊ में “वापसी” के रूप में देखा जा रहा विक्रांत वीर का तबादला

विक्रांत वीर पहले भी राजधानी लखनऊ में अहम पदों पर रह चुके हैं, और अब उनकी यह वापसी पुलिस हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
राजधानी के सेंट्रल जोन में मुख्यमंत्री कार्यालय, विधानसभा, सचिवालय और बड़े वीआईपी इलाकों के साथ-साथ भीड़भाड़ वाले बाजार भी आते हैं — ऐसे में विक्रांत वीर का अनुभव प्रशासन के लिए उपयोगी साबित हो सकता है।

🔄 आईपीएस अनिरुद्ध कुमार सिंह — चर्चा से ट्रांसफर तक

इस ट्रांसफर लिस्ट में सबसे ज्यादा सुर्खियों में आईपीएस अनिरुद्ध कुमार सिंह का नाम है।
हाल ही में उनका एक विवादित वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे कथित रूप से एक व्यापारी से ₹20 लाख की रिश्वत मांगते दिखे थे।
वीडियो सामने आने के बाद उन्हें सीआईडी मुख्यालय में संबद्ध किया गया था और विभागीय जांच जारी है।

अब उन्हें इटावा की 28वीं वाहिनी पीएसी में सेनानायक (Commandant) के पद पर भेजा गया है।
हालांकि आधिकारिक रूप से इसे “रूटीन तबादला प्रक्रिया” कहा गया है, लेकिन पुलिस और राजनीतिक हलकों में इसे अनुशासनिक संतुलन का हिस्सा माना जा रहा है।

🧾 अन्य अधिकारियों में भी फेरबदल

इसके अलावा, आईपीएस अनिल कुमार सिंह और आशीष श्रीवास्तव दोनों को अब पुलिस अधीक्षक, सुरक्षा मुख्यालय (Security Headquarters, Lucknow) की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस बदलाव के बाद लखनऊ कमिश्नरेट में कई महत्वपूर्ण पदों पर नई रणनीति के संकेत मिले हैं।

🔍 क्या है सेंट्रल जोन की अहमियत?

लखनऊ का सेंट्रल जोन शहर का सबसे संवेदनशील इलाका माना जाता है।
यहां राजनीतिक, प्रशासनिक और कानून-व्यवस्था संबंधी गतिविधियों का दबाव सबसे अधिक रहता है।
अक्सर वीआईपी मूवमेंट, धरने-प्रदर्शन और हाई-प्रोफाइल केसों की जिम्मेदारी इसी जोन पर होती है।
ऐसे में विक्रांत वीर की पोस्टिंग को मुख्यमंत्री कार्यालय की प्राथमिकता से भी जोड़कर देखा जा रहा है।