नई दिल्ली के चाणक्यपुरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वीआईपी और बेहद सुरक्षित माने जाने वाले इलाके में रविवार की सुबह एक दर्दनाक और चौंकाने वाला हादसा हुआ। राष्ट्रपति भवन से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 11 मूर्ति के पास सुबह करीब 8 बजे एक तेज रफ्तार थार SUV ने सड़क पर पैदल चल रहे दो लोगों को बेरहमी से कुचल दिया।
हादसे में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। मृतक और घायल दोनों ही आम राहगीर थे, जो अपनी दिनचर्या के अनुसार सड़क किनारे पैदल जा रहे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों का बयान – हादसे के बाद भी लाश सड़क पर पड़ी रही
घटना के बाद मौजूद लोगों ने बताया कि थार की टक्कर इतनी जोरदार थी कि मृतक व्यक्ति हवा में उछलकर कुछ मीटर दूर जा गिरा और वहीं उसकी मौत हो गई। घायल व्यक्ति को स्थानीय लोगों ने तुरंत अस्पताल पहुंचाया।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि हादसे के बाद मृतक की लाश करीब एक घंटे तक सड़क पर ही पड़ी रही। यह न केवल प्रशासनिक लापरवाही दर्शाता है, बल्कि वीआईपी क्षेत्र में भी तत्काल बचाव कार्य में ढिलाई का उदाहरण है।
थार की हालत और दुर्घटना का प्रभाव
टक्कर के बाद थार SUV डिवाइडर से जा टकराई, जिससे उसका अगला पहिया निकल गया और गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, थार की गति इतनी तेज थी कि उसके ब्रेक लगने का कोई संकेत भी दिखाई नहीं दिया।
पुलिस की कार्रवाई और शुरुआती जांच
चाणक्यपुरी थाना पुलिस ने फौरन हरकत में आते हुए 26 वर्षीय थार चालक को हिरासत में लिया और गाड़ी को जब्त कर लिया। पुलिस को गाड़ी से शराब की कई बोतलें मिलीं। फोरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर बोतलों से फिंगरप्रिंट उठाए हैं, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हादसे के समय ड्राइवर ने शराब पी रखी थी या नहीं।
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने यह गाड़ी अपने दोस्त से ली थी और ड्राइव करते समय उसकी आंख लग गई थी, जिसके चलते यह हादसा हुआ। हालांकि, पुलिस का कहना है कि इस बयान की सच्चाई जांच के बाद ही स्पष्ट होगी। आरोपी का मेडिकल टेस्ट कराया जाएगा।
घटना से उठते सवाल
- राजधानी के सबसे सुरक्षित और वीआईपी क्षेत्रों में इतनी तेज रफ्तार से वाहन कैसे दौड़ रहा था?
- हादसे के बाद मृतक का शव एक घंटे तक सड़क पर क्यों पड़ा रहा?
- शराब की बोतलों की बरामदगी क्या यह साबित करती है कि हादसे के वक्त ड्राइवर नशे में था?
- इस तरह के हादसों को रोकने के लिए पुलिस और ट्रैफिक विभाग की कार्यप्रणाली में क्या बदलाव आवश्यक हैं?
निष्कर्ष
यह हादसा केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं, बल्कि यह बताता है कि तेज रफ्तार, लापरवाह ड्राइविंग और संभावित नशे में वाहन चलाना किस हद तक जानलेवा हो सकता है। यह घटना राजधानी के VIP क्षेत्र में सुरक्षा और ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम पर भी सवाल खड़े करती है।
दिल्ली पुलिस के सामने अब दोहरी चुनौती है — एक ओर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाना और दूसरी ओर राजधानी में सड़क सुरक्षा के नियमों को और सख्ती से लागू करना।
