फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री और एक्ट्रेस पल्लवी जोशी की आने वाली फिल्म ‘द बंगाल फाइल्स’ इन दिनों लगातार सुर्खियों में है। यह फिल्म भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के दौरान बंगाल में हुए नरसंहार और जिन्ना के ‘डायरेक्ट एक्शन डे’ की घटनाओं पर आधारित है। फिल्म की कहानी उस दौर के नायक गोपाल मुखर्जी जैसे पात्रों के संघर्ष और साहस को सामने लाती है।
बंगाल में नहीं मिली शूटिंग की इजाज़त
एक इंटरव्यू में पल्लवी जोशी ने खुलासा किया कि उनकी फिल्म को बंगाल में शूट नहीं होने दिया गया। उन्होंने बताया—
“जब हमने फिल्म की रिसर्च शुरू की थी, तभी बंगाल से एक बयान आया कि अगर कोई बंगाल फाइल्स बनाना चाहेगा तो उसे राज्य में आने नहीं देंगे। यहां रिलीज भी नहीं होने देंगे। यह बयान खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का था। उनका एक वीडियो भी मौजूद है।”
इसके बाद मेकर्स को मजबूरी में मुंबई में सेट बनाकर पूरी फिल्म शूट करनी पड़ी। पल्लवी ने यह भी कहा कि ताशकंद फाइल्स की शूटिंग ताशकंद में और कश्मीर फाइल्स की शूटिंग कश्मीर में की गई थी, लेकिन बंगाल फाइल्स बंगाल में फिल्माई ही नहीं जा सकी।
FIR और आरोपों की बौछार
जैसे ही फिल्म की खबरें फैलनी शुरू हुईं, जगह-जगह FIR दर्ज होने लगीं और मेकर्स पर कई तरह के आरोप लगाए गए। पल्लवी के अनुसार, इन विवादों के बावजूद टीम ने फिल्म को पूरा किया क्योंकि उनका मानना है कि इतिहास की सच्चाई को जनता के सामने लाना जरूरी है।
सांप्रदायिक सद्भाव पर असर?
फिल्म का ट्रेलर सामने आने के बाद विपक्ष और आलोचकों का आरोप है कि यह फिल्म समाज के सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित कर सकती है। इस पर पल्लवी जोशी ने साफ कहा:
“कोई भी जिम्मेदार फिल्मकार अपनी नागरिक ड्यूटी को भली-भांति समझता है। हमारी पिछली फिल्मों और मेरे पूरे करियर को देखें तो साफ पता चलता है कि हम किस तरह की फिल्में करते हैं। आधा सच देखकर सोशल मीडिया पर टिपण्णी करना आसान है, लेकिन उससे समाज का व्यवहार तय नहीं हो सकता। अगर ऐसा होने लगा तो भारत का भविष्य ही खतरे में पड़ जाएगा।”