17 वर्षीय छात्रा लापता मामले में मोड़: शिक्षक पर फुसलाने का आरोप, लड़की बरामद

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के बदौसा थाना क्षेत्र में एक निजी स्कूल के शिक्षक द्वारा नाबालिग छात्रा को बहला-फुसलाकर भगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई के बाद 17 वर्षीय छात्रा को हमीरपुर जिले से बरामद कर लिया गया है और आरोपी शिक्षक फरहान को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह मामला इलाके में ‘लव जिहाद’ के शक के चलते और भी ज्यादा संवेदनशील बन गया है, जिस पर समाज के अलग-अलग वर्गों से तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है।

💠 क्या है पूरा मामला?

बदौसा थाना क्षेत्र के एक गांव में स्थित निजी स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा 2 दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई थी। परिजनों द्वारा दी गई तहरीर के अनुसार, स्कूल का ही एक मुस्लिम शिक्षक फरहान पिछले दो वर्षों से उनकी बेटी को मानसिक रूप से प्रभावित कर रहा था। लड़की के माता-पिता का आरोप है कि फरहान ने अपनी बहन (जो उसी स्कूल में शिक्षिका है) के साथ मिलकर छात्रा को धर्म परिवर्तन और भ्रामक बातों के ज़रिए बहलाया, और फिर उसे भगाकर ले गया।

💠 छात्रा का बरामद होना और बदला हुआ व्यवहार

पुलिस को सूचना मिलते ही सीओ प्रवीण कुमार यादव के नेतृत्व में टीम गठित की गई, जिसने 24 घंटे के भीतर छात्रा को हमीरपुर से सकुशल बरामद कर लिया। लेकिन छात्रा का व्यवहार परिजनों के अनुसार पूरी तरह बदल चुका है। वह सामान्य रूप से बात नहीं कर रही थी, जिससे संदेह बढ़ा कि उसके ऊपर किसी प्रकार का मानसिक दबाव या ‘ब्रेनवॉश’ किया गया है। फिलहाल उसे काउंसलिंग के लिए वन स्टॉप सेंटर भेजा गया है

💠 पुलिस की कानूनी कार्रवाई

परिजनों की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट, धर्म परिवर्तन अधिनियम, और 誘षण/अपहरण की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। आरोपी शिक्षक फरहान को गिरफ्तार कर जेल भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस इस मामले में अन्य संभावित संलिप्त लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है, विशेषकर उन लोगों की जो इस कार्य में सहयोगी रहे हो सकते हैं।

💠 स्थानीय लोगों का गुस्सा और जांच की मांग

घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश फैल गया है। गांव में तनाव का माहौल है। कई हिंदू संगठनों और ग्रामीणों ने स्कूल में संदिग्ध गतिविधियों की जांच, प्रबंधन की भूमिका की जांच और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कुछ लोगों ने यह भी आशंका जताई है कि यह मामला किसी संगठित लव जिहाद गिरोह से भी जुड़ा हो सकता है, जिसमें लड़कियों को टारगेट कर मानसिक रूप से प्रभावित किया जाता है।

💠 प्रशासन की अगली कार्रवाई

प्रशासन ने स्कूल की कार्यप्रणाली की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही बाल संरक्षण आयोग को भी सूचित किया गया है ताकि बच्ची की मानसिक स्थिति और उसके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।

निष्कर्ष:
यह मामला न केवल एक सामाजिक और धार्मिक दृष्टि से संवेदनशील विषय है, बल्कि यह शैक्षिक संस्थानों में सुरक्षा और मानसिक शोषण के जोखिमों की भी गहरी पड़ताल करता है। पुलिस और प्रशासन की सक्रियता ने स्थिति को तत्काल नियंत्रण में लिया है, लेकिन इससे जुड़े सामाजिक, कानूनी और मनोवैज्ञानिक पहलुओं की गहराई से जांच जरूरी है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।