यह मामला उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के सरायअकिल थाना क्षेत्र के कुंड्रावी गांव का है। यहाँ जमीन विवाद के चलते एक गंभीर घटना हुई। विवादित जमीन को कुछ दिन पहले इमलीगांव निवासी धर्मेंद्र पांडेय, जो गांव के पूर्व प्रधान हैं, ने बैनामा (खरीद-फरोख्त की कानूनी प्रक्रिया) के जरिए अपने नाम कराया था। सोमवार को धर्मेंद्र अपने चचेरे भाइयों के साथ इस जमीन पर निर्माण कार्य करा रहे थे।
हमलावर कौन थे?
- मुख्य आरोपी: कोटिया गांव का एक फरार इनामी बदमाश (पुलिस रिकॉर्ड में वांछित)।
- उसका साथी: उसका हिस्ट्रीशीटर भाई, जो पहले से कई अपराधों में आरोपी है।
- साथ में अन्य साथी भी थे।
ये सभी एक स्कॉर्पियो गाड़ी से मौके पर पहुंचे।
हमला कैसे हुआ?
- गाड़ी से उतरते ही आरोपियों ने निर्माण का विरोध शुरू किया।
- गाली-गलौज करने के बाद तोड़फोड़ की।
- इसके बाद हवाई फायरिंग की, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई।
- फायरिंग की आवाज सुनकर आसपास के लोग जमा होने लगे, तो हमलावर मौके से फरार हो गए।
पुलिस और दूसरी ओर का बयान
- धर्मेंद्र पांडेय ने तुरंत थाने जाकर तहरीर दी।
- पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
- दूसरी तरफ, कोटिया गांव के ग्राम प्रधान राजेश कुमार पाल उर्फ सुग्गी लाल का कहना है कि वह निजी नलकूप पर गए थे, तभी पुरानी रंजिश के चलते इमली गांव के पूर्व प्रधान और उनके साथियों ने उन्हीं पर हमला कर दिया। यानी दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
महत्व क्यों है?
- इसमें इनामी बदमाश और हिस्ट्रीशीटर दोनों शामिल हैं, जो पहले से अपराधी रिकॉर्ड रखते हैं।
- जमीन विवाद के नाम पर दिनदहाड़े फायरिंग होना, कानून व्यवस्था और ग्रामीण सुरक्षा पर सवाल खड़ा करता है।
- यह मामला राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों के बीच का है, इसलिए इसका असर इलाके की पंचायत और स्थानीय राजनीति पर भी पड़ेगा।