Friday, 28 April 2017 2:10 PM
SHALINI KASHYAP
और सामानों की तरह क्या एंजीओप्लास्टी के लिये भी सेकंड हैंड उपकरण का इस्तेमाल हो सकता है? नहीं, लेकिन मुबंई के कुछ अस्पताल ऐसा करते हुये पाए गए हैं. महाराष्ट्र एफडीए ने दो अस्पतालों को कारण बताओ नोटिस देकर जवाब मांगा है. एफडीए आयुक्त हर्षदीप कांबले ने बताया कि विभाग के इटेंलिजेंस विभाग ने शहर के कुल चार अस्पतालों की जांच की थी. उसमें मुंलूड और वाशी के फोर्टिस अस्पताल में गाइडिंग कैथेटर और बैलून कैथेटर के दोबारा इस्तेमाल के मामले सामने आये. गाईडिंग कैथेटर हृदय रोग में एंजियोप्लास्टी के दौरान धमनी के अंदर बने ब्लॉक का पता लगाता है. जबकि बैलून कैथेटर धमनी में स्टेंट डालने में मददगार होता है.
प्लास्टिक के ये उपकरण एकबार ही इस्तेमाल किए जा सकते हैं. लेकिन महाराष्ट्र एफडीए का आरोप है कि शहर के दो बड़े अस्पताल इसका एक से ज़्यादा बार इस्तेमाल कर रहे थे. इसके लिये एफडीए ने फोर्टिस अस्पताल को कारण बताओ नोटिस दिया है. डॉ. हर्षदीप कांबले के मुताबिक उनका जवाब आने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जायेगी.
एफडीए की जांच में पता चला है कि मुलूंड फोर्टिस अस्पताल में 45 मरीजों के लिये तो वाशी फोर्टिस अस्पताल में 27 मरीजों की एंजीओप्लास्टी के लिये पहले इस्तेमाल हो चुके कैथेटर का ही फिर से उपयोग किया गया. इतना ही नहीं, मरीजों से उसकी कीमत भी वसूली गई वो भी बढ़ाकर.
फोर्टिस अस्पताल ने एफडीए का नोटिस मिलने की बात तो कबूल की है लेकिन साथ ही ये भी कहा कि सबकुछ समझने के बाद ही जरूरी प्रतिक्रिया दे पाएंगे. एफडीए के मुकाबिक अंधेरी के बीएसईएस अस्पताल में उपकरणों के दोबारा इस्तेमाल का मामला सामने आया लेकिन उस अस्पताल ने दूसरा मरीज से उसकी कीमत नही वसूली थी. एफडीए अब शहर के दूसरे अस्पतालों की जांच करने पर भी विचार कर रहा है.