Sunday, 12 November 2023 00:00
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# विधुत आपूर्ति को लेकर अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार के ऊपर हुए कार्यवाही
# छोटी दीपावली में बिजली न आने से नाराज ऊर्जा मंत्री ने जताई कड़ी नाराजगी, हुई कार्यवाही
# उपरोक्त स्थानांतरण में भी नहीं लिया गया माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अनुपालन में अनुमोदन
# अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार ने किया जूनियर इंजीनियर प्रदीप कुमार पांडेय को निलंबित
लखनऊ। लेसा अन्तगर्त चिनहट क्षेत्र में दैवीय आपदा से बत्ती गुल हुई तो प्रकाश पर्व दिपावली पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को रोशन करने में जुटे इंजीनियरों में से तीन के घरों की खुशियां मातम में उस वक्त तब्दील हो गई, जब पॉवर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष आशीष गोयल ने लखनऊ की बिजली व्यवस्था की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा करने के दौरान ही लौलाई उपकेंद्र इलाके में शनिवार बारिश एवं हवा के चलते गुल हुई विधुत आपूर्ति के कार्यवाही करते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत को निर्देश दिए कि अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से लेसा से यानी लखनऊ से बाहर करने व एवं उपखण्ड अधिकारी अमित सिंह व अवर अभियन्ता प्रदीप पांडेय को निलंबित करने के निर्देश दिए। लेकिन न जाने किसकी मेहरबानी से लेसा अधिकारीयों ने इस लापरवाही के लिए सिर्फ अधिशासी अभियंता एवं अवर अभियन्ता को ही जिम्मेदार माना है। अध्यक्ष ने तीन इंजीनियरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए, तो हड़कंप मच गया। अध्यक्ष के आदेश पर अधिशाषी अभियन्ता को दक्षिणांचल विद्युत निगम स्थानांतरित कर अवर अभियन्ता को निलंबित करने का आदेश जारी हो गया।
आखिर क्या था मामला
लौलाई उपकेंद्र के मल्हौर क्षेत्र में बारिश एवं हवा के चलते शनिवार सुबह 6ः48 बजे 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन पर पेड़ गिर गया। उपकेंद्र पर सूचना पहुंची तो कर्मियों ने तीन ट्रांसफार्मर को छोड़ करके अन्य प्रभावित उपभोक्ताओं की बिजली कई अलग स्रोत से 8ः20 बजे चालू कर दी। जबकि मल्हौर, शक्ति अपार्टमेंट, सौरभ विहार, भरवारा आदि की बिजली चालू करने के लिए कर्मचारी पेड़ को हटाने की प्रक्रिया में जुटे थे तभी वह जड़ से उखड़ गया। पेड़ के जड़ से उखड़ने के कारण उसे हटाने के लिए अभियंताओं ने हाइड़ा को मंगाया। हाइड़ा के आने में देरी हुई, जिससे बिजली संकट देर तक बना रहा। जब जर्जर पेड़ लाइन से हटा तो दोपहर 12ः20 बजे बिजली चालू हो सकी। दरअसल, लोहे के तारों पर पेड़ के गिरने से वह ढीले हो गए थे, जिनको सही करना भी जरूरी था।
इसके बावजूद अवर अभियन्ता प्रमोद पांडेय ने सुबह 8.30 बजे तक न बिजली सप्लाई चालू की, न उच्चाधिकारियों को सूचित किया। जबकि लाइनमैन सतीश यादव ने अवर अभियन्ता को समय से सूचना दे दी थी मगर उन्होंने उपखण्ड अधिकारी व अधिशासी अभियंता को समय से नहीं बताया। परेशान उपभोक्ताओं ने उपकेंद्र से लेकर अवर अभियन्ता, उपखण्ड अधिकारी से सम्पर्क साधा, लेकिन बिजली चालू नहीं हुई। सुबह के वक्त बिजली न आने से लोग परेशान हो गये। उन्होंने टोल फ्री नंबर 1912 से लेकर ऊर्जा मंत्री कार्यालय में शिकायत की। छोटी दीपावली में बिजली न आने से नाराज ऊर्जा मंत्री ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। इससे पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन में हड़कंप मच गया।
कॉरपोरेशन के चेयरमैन डा. आशीष गोयल ने मध्यांचल निगम के प्रबंध निदेशक से पूछताछ की, लेकिन किसी अधिकारी को कुछ नहीं पता था। इससे नाराज चेयरमैन ने सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेसिंग में अधिशाषी अभियन्ता मुकेश कुमार को कड़ी फटकार लगाई। इस दौरान अधिशाषी अभियन्ता बिजली बाधित होने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इससे नाराज प्रबंधन ने अवर अभियन्ता प्रमोद कुमार पांडेय को निलंबित करने और अधिशाषी अभियन्ता को हटाने का निर्देश दिया। इसके उपरान्त अधिशाषी अभियन्ता मुकेश की जगह अधिशाषी अभियन्ता इंजीनियर खालिद सिद्दीकी की तैनाती कर दी गई।
मध्यांचल निगम का आदेश ऊर्जा प्रबंधन ने बदला
वीडियो कॉफ्रेसिंग के बाद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह ने अधिशाषी अभियन्ता मुकेश कुमार को चिनहट डिवीजन से हटाकर अधिशासी अभियंता विद्युत परीक्षण खंड-सुलतानपुर कर दिया, लेकिन शाम होते-होते ऊर्जा प्रबंधन ने मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह के आदेश बदलते हुए कॉरपोरेशन स्तर से अधिशाषी अभियन्ता मुकेश कुमार को मध्यांचल डिस्कॉम से ही बाहर करते हुए दक्षिणांचल विद्युत निगम भेज दिया। वहीं लेसा के सर्किल-दो अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार ने जूनियर इंजीनियर प्रदीप कुमार पांडेय को निलंबित करते हुए अधिशासी अभियंता कार्यालय, चिनहट संबंद्ध कर दिया, जबकि उपखण्ड खण्ड अधिकारी अमित सिंह को जीवन दान दे दिया.... आमतौर पर इस प्रकार के मामलों में अधिकतर गाज उपखण्ड अधिकारी व अवर अभियन्ता पर ही गिरती है, लेकिन कहीं न कहीं कुछ जानकार इस मामलें को मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण प्राइवेट लिमिटेड को पुलिया खंड के अमराई बिजली घर से लगभग उपभोक्ताओं को दरकिनार करते हुए मेसर्स अट्रैक्टिव निर्माण लिमिटेड को 3500 किलोवाट के संयोजन से भी जोड़कर देख रहे है, इस मामलें में तत्कालीन अधिशासी अभियंता जय सिंह एवं उसके पूर्व में तत्कालीन अधिशासी अभियंता रीतेश के ऊपर अब विधुत आपूर्ति को लेकर अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार के ऊपर हुए कार्यवाही।
।। उच्चतम न्यायालय के आदेश का खुला उल्लंघनं ।।
एक बार फिर बिना अनुमोदन के ही अधिशाषी अभियन्ता मुकेश कुमार का हुआ अवैध स्थानांतरण
दीपावली पर निर्बाध बिजली सप्लाई न दे पाने पर पावर कारपोरेशन अध्यक्ष आशीष गोयल के आदेश पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक भवानी सिंह खंगारौत ने चिनहट अधिशाषी अभियन्ता मुकेश कुमार को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरण करने का आदेश जारी कर दिया, जिस पर सवाल यह उठता है कि क्या मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक भवानी सिंह खुंगारौत ने उस अभियन्ता को हटाने के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार पहले से ही अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार का स्थानांतरण अनुमोदन ले कर रखा था, क्योंकि प्रबन्ध निदेशक कार्यालय द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 2454 के कॉलम 01 के अनुसार साफ साफ लिखा है कि उक्त तैनाती के आदेश माननीय सर्वोच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका संख्या 79/1997 में दिये गये अन्तिम आदेश दिनांक 21.03.07 के द्वारा पारित निर्देशों के अधीन निर्गत किये जा रहे हैं...... . इसका मतलब यह है कि उपरोक्त स्थानांतरण माननीय सर्वोच्च न्यायालय के अनुपालन में अनुमोदन लिया जा चुका है, तो प्रबन्ध निदेशक कार्यालय से अपेक्षा की जाती है कि अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार का स्थानांतरण अनुमोदन पत्र को सार्वजनिक करे, इसके पूर्व भी आवाज प्लस बैनर ने मुंशीपुलिया डिविजन के तत्कालीन अधिशासी अभियंता जय सिंह का भी स्थानांतरण के मामले में अनुमोदन पत्र को सर्वाजनिक करने की मांग की गई थी, जो आज तक मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने नहीं किया।
रिट याचिका सी संख्या 1997 का 79 के अनुसार सुरेश चंद्र शर्मा बनाम अध्यक्ष यूपीएसईबी एवं अन्य के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देशित किया जाता है कि निगम के कर्मचारियों के अधिकारियों के स्थानांतरण/तैनाती के सभी प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के पहले स्वतंत्र निर्वाचन आयोग के समक्ष रखना जाना चाहिए और समिति योग्यता के आधार पर स्थानांतरण नीति के दिशा निर्देशों के आधार पर स्थानांतरण/तैनाती की जायेगी.... तो क्या अधीशाषी अभियन्ता मुकेश कुमार के मामले में यह पहल की गई? प्राप्त जानकारी के अनुसार 2017 के उपरान्त समस्त स्थानांतरण/तैनाती अवैध है, किसी भी मामले में अनुमोदन नहीं लिया गया।