बबली बंटी की जोड़ी द्वारा किए गए लगातार भ्रष्टाचार में से मदरसा की बिलिंग में हुए भ्रष्टाचार का मामला खुलासा होने के उपलब्ध इसकी जांच मुख्य अभियंता आशीष अस्थाना द्वारा अधिशासी अभियंता टेस्ट पवन वर्मा सहित एक अन्य अधिकारी को सौपा गया। इसके उपरांत जांच के नाम पर लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है इसी क्रम में इस भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले पत्रकार से किसी भी प्रकार का कोई सबूत अथवा पूछताछ नहीं की जा रही है बल्कि पैसा देकर काम करने वाले उपभोक्ता को पूछताछ के नाम पर परेशान किया जा रहा है उनको बुलाया जा रहा है... उच्च अधिकारियों को अथवा जांच करता को इतनी बात समझ में नहीं आती है कि इस मामले का खुलासा एक पत्रकार द्वारा किया गया है ना कि उपभोक्ता की शिकायत पर.. तो पूछताछ के लिए उपभोक्ता को क्यों बुलाया जा रहा है... क्या कोई उपभोक्ता बताया कि हमने पैसा दिया? वह तो अपना कारनामा छुपाना चाहेगा, ताकि उसका कोई नुकसान ना हो...
-संजीव श्रीवास्तव/आवाज प्लस
लखनऊ। अभी तक चिनहट विद्युत खण्ड में विद्युत बिल में निविदाकर्मी बरकत अली और सहायक अभियंता पवन कुमार मिश्रा द्वारा विद्युत बिलों में हेराफेरी कर लाखों की धन उगाही कर अपनी जेब भरना आम बात हो गई है, लेकिन अब शिकायत के नाम पर खिलवाड़ करना भी आम बात हो गया है।
एक पत्रकार द्वारा मदसरे की बिलिंग में हुई भष्ट्राचार उजागर करने पर हो रही जॉच मामले में चिनहट डिवीजन में बिलों की हेराफेरी के लिए विख्यात निविदा कर्मी बरकत अली और सहायक अभियंता पवन मिश्रा नामक बंटी बबली नामक जोड़ी को ?बचाने की दायित्व उच्चाधिकारी अधिशाषी अभियन्ता (टेस्ट) पवन वर्मा को दिया गया।
चिनहट डिवीजन में बंटी बबली नाम से विख्यात 12 वर्षों से जमे निविदा कर्मी बरकत अली और सहायक अभियंता पवन मिश्रा) की जोड़ी इतनी शातिर दिमाग है कि विभाग इनका बाल भी बांका नहीं कर पा रहा, जिसके कारण इस जोड़ी के कारनामे लगातार एक एक करके सामने आ रहे हैं।
हर बार की तरह इस बार भी जांच ठंडे बस्ते में डालने या लीपापोती करने की जिम्मेदारी अधिशाषी अभियन्ता (टेस्ट) पवन वर्मा को दिया गया है। जिम्मेदारी मिलने के उपरान्त अधिशाषी अभियन्ता (टेस्ट) पवन वर्मा जी जान से जुट गयें है।
बबली बंटी की जोड़ी द्वारा किए गए लगातार भ्रष्टाचार में से मदरसा की बिलिंग में हुए भ्रष्टाचार का मामला खुलासा होने के उपलब्ध इसकी जांच मुख्य अभियंता आशीष अस्थाना द्वारा अधिशासी अभियंता टेस्ट पवन वर्मा सहित एक अन्य अधिकारी को सौपा गया। इसके उपरांत जांच के नाम पर लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है इसी क्रम में इस भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले पत्रकार से किसी भी प्रकार का कोई सबूत अथवा पूछताछ नहीं की जा रही है बल्कि पैसा देकर काम करने वाले उपभोक्ता को पूछताछ के नाम पर परेशान किया जा रहा है उनको बुलाया जा रहा है... उच्च अधिकारियों को अथवा जांच करता को इतनी बात समझ में नहीं आती है कि इस मामले का खुलासा एक पत्रकार द्वारा किया गया है ना कि उपभोक्ता की शिकायत पर.. तो पूछताछ के लिए उपभोक्ता को क्यों बुलाया जा रहा है... क्या कोई उपभोक्ता बताया कि हमने पैसा दिया? वह तो अपना कारनामा छुपाना चाहेगा, ताकि उसका कोई नुकसान ना हो...
लेकिन इस मामले में पूरी तरह लीपापोती होती करने में जुटे अधिशासी अभियंता टेस्ट पवन वर्मा को इतनी बात समझ में नहीं आ रही है.. आखिर क्यों समझ में आए उनको उनके उच्च अधिकारियों का निर्देश भी तो यही होगा... क्योंकि बबली बंटी की जोड़ी फैंसी तो अधिकारी बसे नजर आएंगे उनके भी भ्रष्टाचार का खुलासा सामने नजर आ जाएगा।
बताते चले कि इसके पूर्व भी लगातार शिकायतों को प्राप्त होने के उपरान्त तत्कालीन मुख्य अभियन्ता अनिल तिवारी ने कराई कई जॉच, लेकिन कोई भी जॉच का कोई भी रिजल्ट आ भी नहीं निकल सका... अभी हाल में पत्र संख्या 24429 अक्टूबर 2023 के अनुसार एक बार फिर से निविदा कर्मचारी वरकत अली व सहायक अभियन्ता पवन मिश्रा के खिलाफ जॉच का आदेश हुआ, लेकिन यह जॉच भी ठण्डे बस्ते में डाल दी गई है।
यहीं नहीं जिसको एक भी गोपनीय फाइल देखने का अधिकार नहीं, वह निविदा कर्मचारी विद्युत बिलों में होने वाले राजस्व निर्धारण, लोड आवंटन, ओटीएस कार्य करने के साथ-साथ अन्य महत्वपूर्ण कार्य करता है, विभाग की महत्वपूर्ण से महत्वपूर्ण फाइल उससे होकर गुजरती है... आखिर क्यों और किसके मेहरबानी से..... यहीं नहीं निविदा कर्मचारी वरकत अली के आवास पर कार्य कराने वालों का लगता है जमावड़ा।
कई शिकायतों के बाद भी जय-बीरू की तर्ज पर हर अच्छे बुरे कार्य में सहयोगी है निविदा कर्मचारी वरकत अली व सहायक अभियन्ता पवन मिश्रा की लगातार शिकायतों को प्राप्त होने के उपरान्त तत्कालीन मुख्य अभियन्ता अनिल तिवारी ने कराई कई जॉच, लेकिन कोई भी जॉच का कोई भी रिजल्ट आ भी नहीं निकल सका... इसके पहले भी पत्र संख्या 24429 अक्टूबर 2023 के अनुसार एक बार फिर से निविदा कर्मचारी वरकत अली व सहायक अभियन्ता पवन मिश्रा के खिलाफ जॉच का आदेश हुआ, लेकिन यह जॉच भी ठण्डे बस्ते में डाल दी गई है।
अधिकारियों की नाक के नीचे चल रहे इतने बड़े खेल से आधिकारी अनभिज्ञ नही है लेकिन सब कुछ जानते हुए भी खण्ड के अधिकारी सहायक अभियंता पवन कुमार मिश्रा और भ्रष्ट निविदाकर्मी बरकत अली को संरक्षण दे रहे है कई शिकायतों के बावजूद भी इन भ्रष्ट कर्मियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही की गई यहां तक कि अब तो चिनहट विद्युत खण्ड के अधिशासी अभियंता खालिद सिद्दीकी ने भ्रष्ट कर्मियों को पूरी तरह आश्वस्त कर दिया कि कुछ भी करो कोई कार्यवाही नहीं होगी उच्चाधिकारियों के संरक्षण में भ्रष्टाचारियों का धंधा खूब फल फूल रहा है जिसका परिणाम यह है कि आए दिन एक नया बिल घोटाला उजागर हो रहा है और जांच कछुए की चाल चलती रहती हैं लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पाती।
बताते चलें कि उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक द्वारा कार्यालय पत्रांक संख्या 983 के माध्यम से दिनांक 19 अप्रैल 2023 को मध्यांचल सहित समस्त डिस्कॉम को निर्देशित किया जा चुका है कि आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से नियोजित कार्मिकों को जहां उनका निवास स्थान हो, उस सब स्टेशन/फीडर पर तैनात न किया जाए और एक ही सब स्टेशन/फीडर पर ग्रामीण क्षेत्र में पांच वर्ष तथा शहरी क्षेत्र में तीन वर्ष से अधिक समय तक न रखा जाए। सबसे मलाईदार डिविजन चिनहट विद्युत खण्ड का धज्जियां उड़ाने में आगे है, हाल यह है कि स्थानांतरण आदेश को दर किनार कर 04 महीना पहले ट्रांसफर हुए संविदा कर्मी अब तक जमे हुए हैं।
देखना यह है कि इन खुलासों का उच्चाधिकारी कब किस स्तर तक संज्ञान लेते है भी नहीं।