Thursday, 25 May 2023 00:00
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मथुरा (Mathura) की एक अदालत में एक याचिका दायर कर शाही ईदगाह परिसर (Shahi Eidgah Masjid) में हिंदू श्रद्धालुओं को पूजा सेवा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है. याचिका में दावा किया गया है कि यह ईदगाह उस भूमि पर बनाया गया था जिसे भगवान कृष्ण (Lord Krishna) का जन्मस्थान माना जाता है और पहले यहां पर एक मंदिर (Temple) हुआ करता था.
इस नई याचिका के साथ ही मथुरा की विभिन्न अदालतों में श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मामले में दायर मुकदमों की संख्या अब बढ़कर 15 हो गई है. नई याचिका में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि कृष्ण भक्तों को शाही ईदगाह परिसर में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी जाए. जिला सरकार के वकील संजय गौड़ ने कहा, ‘‘नया मुकदमा उच्चतम न्यायालय के वकील और दिल्ली निवासी हरि शंकर जैन द्वारा दायर किया गया है, जो याचिकाकर्ता हैं.
25 मई को होगी मामले पर सुनवाई
ईदगाह परिसर में पूजा अर्चना की अनुमति वाली याचिका पर अब अगली सुनवाई 25 मई यानी गुरुवार को होगी.’’ वकील संजय गौड़ ने बताया कि वादियों ने शाही ईदगाह इंतजामिया कमेटी के सचिव, उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ, श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास मथुरा के प्रबंध न्यासी व श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान मथुरा के सचिव को इसमें प्रतिवादी बनाया है.
शाही ईदगाह परिसर में पूजा की मांग
वकील हरिशंकर जैन ने इस बारे में और जानकारी देते हुए बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि याचिका में अनुरोध किया गया है कि ईदगाह परिसर में स्थित भगवान कृष्ण की जन्मस्थली पर श्रद्धालुओं को पूजा सेवा करने का अधिकार दिया जाए. उन्होंने कहा कि याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि शाही ईदगाह न्यास इलाके में बने ढांचों को हटा दें.
आपको बता दें कि हिन्दू पक्ष का दावा है कि भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मस्थान कंस कारागार उसी ढांचे के नीचे स्थित है. वहां पर पहले केशवराय मंदिर हुआ करता था. ऐसा माना जाता है कि मुगल शासक औरंगजेब आलमगीर ने 1669 में श्रीकृष्ण मंदिर को तुड़वा दिया था और ईदगाह का निर्माण कराया था.