Thursday, 06 July 2023 00:00
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मुंबई. महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से जारी सियासी उठापटक में अभी काफी कुछ होना बाकी है क्योंकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने के बाद अब एकनाथ शिंदे के शिवसेना कैम्प के कई नेताओं में नाराजगी का माहौल है. इसी के मद्देनजर बुधवार देर रात तक सीएम एकनाथ शिंदे ने अपने बंगले पर अपने सभी विधायकों, सांसद और अपने नेताओं की मीटिंग बुलाई थी, ताकि सभी को भरोसे में लिया जा सके.
मुख्यमंत्री ने सभी से कहा है कि मौजूदा घटनाक्रम से परेशान होने की कोई बात नहीं है. शिवसेना के नेताओं ने यह जानकारी दी. दरअसल, शिंदे कैम्प ने विधायकों को एनसीपी की एंट्री के बाद मंत्रिमंडल में अब सही पोर्टफोलियो ना मिलने का डर सता रहा है. उन्हें अब लग रहा है कि उनसे जो वादा किया गया था, वो वादा अब पूरा नहीं होगा.
नेताओं ने कहा कि शिंदे ने शिवसेना विधायकों, एमएलसी और सांसदों की बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने बताया कि शिंदे को दो जुलाई को अजित पवार के सरकार में शामिल होने और आठ अन्य राकांपा नेताओं के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के घटनाक्रम की उन्हें जानकारी थी. अजित पवार के अगुवाई वाले राकांपा के गुट के एक साल पुरानी शिंदे-भाजपा की सरकार में शामिल होने को लेकर शिवसेना के जनप्रतिनिधियों के एक वर्ग ने कुछ चिंताएं व्यक्त की हैं.
शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर ने बुधवार दिन में कहा था कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा समूह के शामिल होने से मंत्री पद की चाह रखने वाले भाजपा और शिवसेना के नेताओं की संभावनाएं धूमिल हो गई हैं एवं उनमें से कुछ नाराज हैं तथा मुख्यमंत्री शिंदे इस भावना से अवगत हैं.
बदले हुए राजनीतिक समीकरण के बीच, बुधवार रात को शिवसेना विधायकों और सांसदों ने दक्षिण मुंबई में शिंदे के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में एक बैठक में शिरकत की. पार्टी के एक सांसद ने कहा, ‘बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जैसे संसद के साथ-साथ राज्य विधानमंडल का मानसून सत्र और पार्टी के संगठन को मजबूत करना.’
पार्टी के एक अन्य सांसद ने कहा कि शिंदे से पूछा गया था कि क्या उन्हें राकांपा में अचानक हुए घटनाक्रम के बारे में पता था, जिस पर उन्होंने हां में जवाब दिया. सांसद ने कहा कि राजनीतिक घटनाक्रम बहुत तेज गति से हुआ, जिसके कारण शिवसेना के जनप्रतिनिधियों को उस बारे में पहले से सूचित नहीं किया जा सका. सांसद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा समूह के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल होने से पार्टी जनप्रतिनिधियों को ही मदद मिलेगी.
शिवसेना के एक एमएलसी ने बताया, ‘उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि भाजपा और शिवसेना एक साल से सरकार में हैं और राकांपा (अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट) के सरकार में शामिल होने से इसके कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा.’ शिवसेना प्रवक्ता और विधायक संजय शिरसाट ने मंगलवार को संकेत दिया था कि नवीनतम राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पार्टी के एक वर्ग में कुछ बेचैनी है.
अजित पवार खेमे से नौ मंत्रियों के शामिल होने के बाद, शिंदे-फडणवीस कैबिनेट में कुल 29 मंत्री हो गए हैं, जबकि 14 पद अब भी खाली हैं.