विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने गुरुवार को नूंह में 28 अगस्त को एक बार फिर से जलाभिषेक यात्रा शुरू करने की घोषणा की है। इस यात्रा को 31 जुलाई को हिंदू-मुसलमानों के बीच हिंसा भड़कने के बाद बीच में ही छोड़ दिया गया था। बता दें कि, हरियाणा के मुस्लिम बहुल नूंह जिले में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ब्रज मंडल शोभा यात्रा पर भीड़ द्वारा हमला करने के बाद भड़की साम्प्रदायिक हिंसा में दो होम गार्ड और एक इमाम समेत छह लोगों की मौत हो गई थी और 88 लोग घायल हो गए। गुरुग्राम में भी छिटपुट हिंसक घटनाएं दर्ज की गई थीं।
नूंह के डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खड़गटा और नूंह के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया ने कहा कि उन्हें इस यात्रा के लिए अभी तक कोई आवेदन नहीं मिला है। अधिकारियों ने कहा कि प्रशासन यात्रा की अनुमति देने पर निर्णय लेने से पहले यात्रा की तारीख के करीब की स्थिति को देखेगा।
विहिप, गुरुग्राम के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि 31 जुलाई को यात्रा में 3,500 से अधिक लोग शामिल हुए थे, लेकिन 28 अगस्त को इससे कहीं अधिक लोग शामिल होंगे। “हमने अपनी ताकत और उपस्थिति दिखाने के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात से अपने कार्यकर्ताओं को यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है। हमारा हिंसा पैदा करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन इस बार हम पूरी तरह तैयार रहेंगे।''
नासिर-जुनैद की हत्या से नाराज थे कुछ मुसलमान
नूंह मेवात क्षेत्र का हिस्सा है जो हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है। हालांकि, पिछले तीन सालों से यहां हर साल यह यात्रा निकाली जा रही है, लेकिन इस वर्ष की यात्रा अलग थी। मेवात क्षेत्र में आमतौर पर सांप्रदायिक झड़पें नहीं होती हैं, लेकिन इस बार यहां रहने वाले कुछ मुसलमान राजस्थान के दो मुस्लिम पशु व्यापारियों नासिर-जुनैद की फरवरी में पीट-पीटकर हत्या करने के आरोपी गौरक्षक मोनू मानेसर को पकड़ने में प्रशासन की उदासीनता से गुस्से में थे। मोनू मानेसर ने खुद यात्रा से पहले सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए थे, जिससे लग रहा था कि वह भी इस यात्रा में मौजूद रहेगा।
इसके चलते इलाके के कुछ मुसलमानों ने शोभायात्रा पर हमला करने के लिए राजस्थान से अतिरिक्त लोग बुलाए और बंदूकें, पत्थर और बोतलें भी जुटाईं। बृजमंडल यात्रा जो एक शक्ति प्रदर्शन भी था, इसमें कुछ लोग बंदूकों और तलवारों से लैस थे।
इन हिंसक झड़पों के बाद, हरियाणा सरकार ने लगभग 1200 संपत्तियों को निशाना बनाते हुए बड़े स्तर पर अवैध निर्माणों के खिलाफ तोड़फोड़ का अभियान चलाया, जिनमें से लगभग सभी मुसलमानों के थे। इस आधार पर कि वे अतिक्रमण थे या उन लोगों के थे जो नूंह हिंसक झड़पों में शामिल थे। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सोमवार को तोड़फोड़ पर रोक लगाते हुए टिप्पणी की कि ऐसा लगता है जैसे सरकार "जातीय सफाए" में शामिल थी। उसके बाद हरियाणा के कई गांवों ने पंचायत बैठकें आयोजित की हैं और मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है, और राज्य के कुछ हिस्सों में मुसलमानों का पलायन भी देखा गया है।
पहली यात्रा का हिस्सा रहे विश्व हिंदू परिषद के जिला सचिव यशवंत शेखावत ने कहा कि इस महीने के अंत से पहले इसे पूरा करना महत्वपूर्ण है। "हमने अपने तीन सदस्यों को खो दिया है, उन्होंने हमारे लिए अपना जीवन लगा दिया है और हम यात्रा के समापन के साथ उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहते हैं।"
विहिप और बजरंग दल के सदस्यों ने कहा कि वे यात्रा की तैयारियों और रसद पर चर्चा करने के लिए मानेसर में एक महापंचायत आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। बजरंग दल के सदस्य कुलभूषण भारद्वाज ने कहा, “हम चाहते हैं कि यात्रा में हिस्सा लेने वाले अच्छी तरह से तैयार हों। यात्रा का एक व्यापक उद्देश्य और संदेश है, हम इसके बारे में जागरूकता बढ़ाने और दूसरों को बड़ी संख्या में हमारे साथ शामिल होने के लिए आमंत्रित करने के लिए सोशल मीडिया और अन्य प्लैटफार्मों का उपयोग करेंगे।”
इस बीच, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वर्तमान स्थिति के आधार पर अनुमति दी जाएगी। “यह सब जिले की स्थिति पर निर्भर करता है और प्रशासन और पुलिस द्वारा निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल जिले में धारा 144 लागू है।''
सरकार को अभी यात्रा की जानकारी नहीं
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव ने कहा कि सरकार को 28 अगस्त को यात्रा फिर से शुरू करने की हिंदू संगठनों की किसी भी योजना की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशासन निर्णय लेगा कि उनके लिए गुरुग्राम से नूंह तक धार्मिक जुलूस निकालना कहां सुरक्षित है। उनके निर्णय के आधार पर, उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाएगी।