Thursday, 08 June 2023 00:00
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लखनऊ। सनातन संस्कृति धर्म जागरण मंच के तावत्वाधन में रत्न कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। लखनऊ क्षेत्र के फरीदी नगर, इंदिरा नगर में बीती रात कवि सम्मेलन शुरु हुआ और देर रात तक चलता रहा, कवि सम्मेलन में सनातन संस्कृति धर्म जागरण मंच में आमंत्रित कवि एवम कवियत्रियों ने अपनी अपनी रचनाओं से जो शमा बंधा लोग वाह वाह करने पर मजबूर हो गए। कवि सम्मेलन का शुभारंभ मां सरस्वती जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर मां शारदे की बंदना से शुरू हुआ।
सर्वप्रथम कवियत्री जान्हवी श्रीवास्तव ने मां शारदा की बंदना पर पूरा पंडाल भक्तिमय हो गया। शिखर शर्मा कवि द्वारा पढ़ी गई कविता पर लोगो ने खूब ताली बजाई और खूब सराहा। उनकी कविता "कि रंग मंचो की परिपाटी से,मुझे गर्व है मैं जन्म अटल की माटी से" खूब प्रशंसा हुई।
युवा कवि हास्य अंकुर पाठक की पढ़ी गई "कविया विरह की वेदना क्या है प्रभु श्री राम से पूछो,विजय कैसे मिले रण में मेरे घनश्याम से पूछो" पर लोगो ने खूब तालियां बजाईं और सराहा।
अतुल सक्सेना कवि की गजल को लोगो ने खूब सराहा उनकी गजल "सर बशर कुछ कहानी का क्या फायदा ,जमुना से बहते पानी का क्या फायदा, ताज को देखने न थी मुमताज तो मकबरा बनाने का क्या फायदा"
रायबरेली से आए कवि सर्वेश पांडेय की मुक्तक को लोगो ने खूब सराहा
"ज़िंदगी ख़्वाब की रस्सी में जज़्बा बाँध देती है ,
अगर तालीम अच्छी हो तो लहज़ा बाँध देती है ।
अपनी ज़िंदगी जीती है बस औलाद की ख़ातिर,
जो जाती मंदिरों में माँ तो धागा बाँध देती है।"
युवा कवियत्री अर्चना अभिनव सिंह की बेटी पर पढ़ी गई कविता को लोगो ने खूब सराहा "मै हूँ नन्ही कली तुम्हारी मुझको खिल जाने दो, मुझे कोख में मत मारो मत दुनिया में आने दो"
ज्ञातव्य हो कि राजधानी में जाने-माने वीर रस के कवि शिखर शर्मा विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों के आयोजन में लगातार अपना सहयोग प्रदान करते रहते हैं इसी क्रम में उन्हीं के अथक प्रयासों से ये कवि सम्मेलन संपन्न हुआ। इस कवि सम्मेलन में देश के माने जाने वीर रस राष्ट्रीय कवि कमल आग्नेय व हास्य पैरोडीकार वाह भाई वाह फेम शेखर त्रिपाठी अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। कार्यक्रम में हास्य रस विधा से अंकुर पाठक विमलेश चौधरी जान्हवी श्रीवास्तव शृंगार रस अतुल सक्सेना अर्चना अभिनव सिंह नैना पांडे व गीतकार आकाश पांडे मौजूद रहे ,कवि सम्मेलन में कवियों ने ऐसा समा बांधा कि जो भीड़ शुरू से थी वो आखिरी तक इस कवि सम्मेलन की गवाह बनी रही।