Thursday, 26 October 2023 00:00
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कमीशन की ओर से जानकारी दी गई है कि फिलहाल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ लागू करना मुश्किल होगा लेकिन 2029 में इसके लागू किया जा सकता है. हालांकि इससे पहले कानून और संविधान में संशोधन करना होगा.
वन नेशन-वन इलेक्शन’ के लिए गठित समिति की हुई दूसरी बैठक में विधि आयोग ने समिति के सामने अपना पक्ष रखा. एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के जरिए लॉ कमिशन ने वन नेशन-वन इलेक्शन के लिए गठित समिति के सदस्यों के सामने कानूनी और संविधानिक पहलुओं पर अपने विचार रखे.
दिल्ली के इंडिया गेट सर्किल पर जोधपुर हॉस्टल में हुई ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बैठक की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की. इस बैठक में लॉ कमिशन के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी के अलावा गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गुलाम नबी आजाद, एनके सिंह, हरीश साल्वे, सुभाष कश्यप सरीखे सदस्यों ने हिस्सा लिया.
बुधवार को हुई इस अहम बैठक में समिति ने मुख्य तौर पर लॉ कमिशन की राय को समझने की कोशिश की. इसके साथ ही इसमें उत्पन्न हो सकने वाली अड़चनों और उनके निदान के बारे में भी जाना. लॉ कमीशन ने बताया कि 2024 में ये संभव नहीं लेकिन 2029 में इसको लागू किया जा सकता है. लॉ कमिशन अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी से समिति ने जानने की कोशिश की कि ‘एक देश एक वोटर लिस्ट’ कैसे किया जा सकता है. समिति ने ये भी जानने की कोशिश की कि इस पूरे एक्सरसाइज में कानूनी पहलू क्या हैं. समिति ने लॉ कमिशन से कहा की एक राष्ट्र एक चुनाव के क्रियान्वयन में क्या क्या बाधाएं है! उन सभी अवरोधों के बिंदुओं पर काम करने के लिए समिति ने लॉ कमीशन को बोला है. मिली जानकारी के मुताबिक पूरे रोड मैप और समग्र सूचना के साथ लॉ कमीशन को वन नेशन वन पोल समिति एक बार फिर बुलाएगी.
लॉ कमिशन ने दिया डिटेल प्रेजेंटेशन
समिति की बैठक में लॉ कमिशन के अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी के अधीनस्थ पदाधिकारियों ने देश में एक साथ चुनाव कराने के संबंध में एक डिटेल प्रेजेंटेशन दिया. मिली जानकारी के मुताबिक विधि आयोग का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बैठक में शामिल हुआ था. जिन्होंने वन नेशन वन इलेक्शन पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दी थी. इस प्रेजेंटेशन में मतदानों को कैसे सिंक किया जा सकता है उसपर विस्तृत में चर्चा हुई.
धनराशि और सुरक्षा पर भी हुई बात
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विधि आयोग द्वारा समिति को यह भी बताया गया कि एक राष्ट्र एक चुनाव लागू होना देश के लिए आर्थिक रूप से कितना लाभकारी होगा यानी बताया गया है कि इस कदम से कितनी धनराशि की बचत होगी. लॉ कमिशन द्वारा ये भी जानकारी दी गई कि एक साथ चुनाव में सुरक्षा की तैनाती कैसे प्रभावी रूप से लागू होगी. मिली जानकारी के मुताबिक समिति को वन नेशन वन इलेक्शन के इतिहास के बारे में भी जानकारी दी गई और बताया गया कि अतीत में ऐसा कब कब हुआ था. वन नेशन वन इलेक्शन इस लागू करने पर आवश्यक संवैधानिक संशोधनों के मुद्दे पर भी चर्चा हुई.
जल्द होगी लॉ कमीशन की बैठक
हालांकि समिति की अगली बैठक कब होगी और आगे का एजेंडा क्या होगा, इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है. समिति से जुड़े सूत्रों का मानना है कि जल्द आगे की बैठकों में दुबारा लॉ कमीशन और इलेक्शन कमिशन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठकें हो सकती हैं.