Thursday, 26 October 2023 00:00
AWAZ PLUS MEDIA HOUSE
केंद्र की मोदी सरकार को घेरने का कांग्रेस पार्टी का ये बड़ा दांव है. इसके जरिए कांग्रेस बताना चाहती है कि मोदी सरकार के कार्यकाल में मध्यम वर्ग और निन्म वर्ग का हाल बुरा हुआ है. केवल सबसे अमीर वर्ग को फायदा हो रहा है. जैसा कि राहुल गांधी अक्सर अपने भाषणों में केवल उद्योगपतियों को लाभ होने का आरोप लगाते रहे हैं, यह रिपोर्ट उसे मजबूती देती है.
कांग्रेस ने आगामी चुनाव की तैयारियों को लेकर देश के मध्य वर्ग को अपने पाले में लाने की एक नई रणनीति तैयार की है. पार्टी ने इसके लिए पिछले दस साल के आयकर रिटर्न के आंकड़ों का सहारा लेने का फैसला किया है. कांग्रेस का कहना है पिछले दस साल के आयकर रिटर्न के आंकड़े बताते हैं- सबसे अमीर और मध्यम वर्ग के बीच खाई पहले से बढ़ी है. काग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का कहना है कि – हम जल्द ही इसे जनता के बीच ले जाएंगे. अभी इतना ही कहूंगा कि आंकड़े झूठ नहीं बोलते, पीएम बोलते हैं.
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के मुताबिक भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी से बहुत सारे मध्य वर्ग के लोग मिले थे, जिन्होंने उनको बताया था कि उनकी आमदनी घटी है और खर्चा बढ़ गया है. लोगों की इन्हीं बातचीत के बाद राहुल गांधी ने कांग्रेस के वित्तीय मामलों के जानकारों को इस विषय पर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा.
रिपोर्ट को ढाल बनाएगी कांग्रेस
सूत्रों के मुताबिक आने वाले कुछ समय के भीतर इस रिपोर्ट से सामने आए सवालों को कांग्रेस सार्वजनिक करेगी. पार्टी इन सवालों को देश भर में प्रचार-प्रसार करेगी. कांग्रेस पार्टी के इस अभियान का मकसद मध्यम वर्ग को इसकी जानकारी देना है. कांग्रेस पार्टी इस रिपोर्ट के माध्यम से मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान मध्य वर्ग के सामने उभरी नई चुनौतियों को देश के सामने रखेगी.
रिपोर्ट में कांग्रेस ने किये दावे
कांग्रेस पार्टी ने दावा किया है कि साल 2013-14 से लेकर 2021-22 के आयकर रिटर्न के उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि 2013-14 में टॉप के 1% आयकरदाताओं की कमाई कुल आय का 17 फीसदी थी जबकि 2021-22 तक टॉप 1% की कमाई कुल आय का 23 फीसदी हो गई.
सबसे अमीरों की आय बढ़ी
कांग्रेस पार्टी ने अपने विश्लेषण में यह भी दावा किया है कि सबसे अमीर लोगों की आय भी मध्यम वर्ग की तुलना में बहुत तेजी से बढ़ी है. टॉप 1% आयकरदाताओं की आय में 2013-14 से 2021-22 तक साल-दर-साल 13 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है यह दर निम्न वर्ग वाले 25 फीसदी आयकरदाताओं की आय की तुलना में 60 फीसदी ज्यादा तेज है.
निम्न वर्ग की आय घटने का दावा
रिपोर्ट के मुताबिक 25 फीसदी सबसे निम्न वर्ग के आयकरदाताओं की वास्तविक आय 2019 की तुलना में 2022 में घट गई है. 25 फीसदी सबसे निम्न वर्ग वालों की सकल आय 11 फीसदी घटी है. इनकी आय वित्त वर्ष 2019 में 3.8 लाख करोड़ रुपये थी जो वित्त वर्ष 2022 में घटकर 3.4 लाख करोड़ रह गई. वहीं टॉप 1% की वास्तविक आय वित्त वर्ष 2019 में 7.9 लाख करोड़ रुपये से 30 फीसदी बढ़कर 2022 में 10.2 लाख करोड़ पहुंच गई.