Wednesday, 01 November 2023 00:00
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दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. प्रदूषण का बढ़ रहा उच्च स्तर एक बड़े खतरे का संकेत है. ऐसा माना जा रहा है कि जब दिवाली से पहले दिल्ली के ये हाल है तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ेंगे. मंगलवार को दिल्ली में AQI का स्तर 359 पर रहा. विशेषज्ञों के मुताबिक प्रदूषण अगर यूं ही बढ़ता रहा तो गंभीर बीमारियों का कारण भी बनेगा.
दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है, विशेषज्ञ इसे आने वाले खतरे का रेड अलर्ट मान रहे हैं. खास तौर से मंगलवार सुबह और शाम के समय दिल्ली के हालात सबसे ज्यादा खतरनाक नजर आए. इससे बाहर निकले लोगों को सांस लेने में परेशानी हुई. विशेषज्ञों की मानें तो जब दिवाली से पहले प्रदूषण का यह स्तर इस बात का संकेत है कि आने वाले दिनों में यह और खतरनाक होगा. जो कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बनेगा.
देश की राजधानी दिल्ली की हवा लगातार प्रदूषित होती जा रही है, मंगलवार को इसमें और बढ़ोतरी दर्ज की गई. मंगलवार को सुबह और शाम दोनों समय आसमान में छाई धुंध की चादर परेशानी का सबब बनी. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांत यानी AQI 359 दर्ज किया गया. जो खतरनाक श्रेणी है, खास बात ये है कि दिल्ली के लगभग सभी इलाकों के यही हालात रहे, सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्र आनंद विहार रहा. इसके अलावा रोहिणी और वजीरपुर में भी हालात खराब रहे.
अभी और बिगड़ेंगे हालात
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अभी और बिगड़ेगा. विशेषज्ञों के मुताबिक दिवाली के समय दिल्ली में सबसे ज्यादा प्रदूषण होता है, लेकिन इस बार दशहरा से पहले से ही दिल्ली के हालात खराब हैं, इस पर नियंत्रण के लिए ग्रैप टू लागू किया गया है, फिर भी हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हो रहा है. आईआईटीएम की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को हवा की गति धीमी रहने के कारण प्रदूषण उच्च स्तर पर रहा. माना जा रहा है कि बुधवार को भी हवा की गति धीमी रहेगी, इससे धुंध छाई रहेगी और प्रदूषण का स्तर भी उच्च रहने का अनुमान है. माना ये जा रहा है कि गुरुवार को भी यही हालात रहेंगे. सफर की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों ही उच्च स्तर पर रहे जो लोगों के लिए स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा हैं.
लग सकती हैं ग्रैप-3 की बंदिशें
दिल्ली में यदि प्रदूषण का स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो ग्रैप-3 लागू हो सकता है, ऐसा हुआ तो दिल्ली में रहने वाले लोगों को और प्रतिबंध झेलने पड़ सकते हैं. इनमें किसी भी प्रकार के कंस्ट्रक्शन पर रोक, इसके अलावा धूल से जुड़ी गतिविधियों मसलन बोरिंग, वेल्डिंग, सीवर लाइन, ड्रेनेज आदि काम भी रूक जाएंगे. बीएस-6 से नीचे की डीजल कारों पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. हालांकि रेल सेवाएं, मेट्रो, एयरपोर्ट, रक्षा से जुड़ी योजनाओं, पब्लिक प्रोजेक्ट, हाईवे, फ्लाईओवर जैसे कामों में छूट रहेगी.
स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा
दिल्ली में लगातार बढ़ रहा प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है, इससे सांस, हार्ट और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के साथ स्किन की समस्याएं भी होने की संभावना है. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सकों की मानें तो प्रदूषण से सबसे ज्यादा सोरायसिस होने का खतरा है जो एक स्किन प्रॉब्लम है. एम्स के डर्मेटोलॉजी डिपोर्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ. कौशल वर्मा कहते हैं कि प्रदूषण की वजह से सोरायसिस बढ़ जाता है, यह गंभीर बीमारी नहीं, लेकिन यदि लक्षणों को अनदेखा किया तो यह मुसीबत बन सकती है. ऐसे में प्रदूषण से बचाव करना ही समझदारी है. वह बताते हैं कि सोरायसिस में लोगों के शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं, इसके अलावा पपड़ी भी बनने लगती है. यदि ऐसा कुछ हो तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
दिल्ली में आज से डीजल बसों पर प्रतिबंध
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए बुधवार से डीजल बसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. दिल्ली में फिलहाल ग्रैप 2 लागू है, इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने 1 नवंबर से अन्य प्रदेशेां से आने वाले बीएस-6 से कम की डीजल बसों की दिल्ली में एंट्री पर रोक लगा दी है. सर्कुलर में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल, राजस्थान समेत अन्य प्रदेशों से आने वाली बसों को रोक दिया गया है. हालांकि सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों का आवागमन सुचारू रखने की बात कही गई है.