Monday, 04 December 2023 00:00
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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा ने प्रचंड जीत हासिल की हो लेकिन जब चुनाव नतीजों की परतें खोलेंगे तो दिखेगा कि राज्य में शिवराज के मंत्रिमंडल के 10 से ज्यादा मंत्री अपनी सीट तक नहीं बचा पाए। हारने वालों की इस लिस्ट में सीएम पद का दावेदार कहे जाने वाले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी हैं।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को दो तिहाई बहुमत मिल गया है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रदेश की 230 विधानसभा सीट में से भाजपा के उम्मीदवार 162 सीट जीत चुके हैं जबकि 1 सीट पर आगे चल रहे है। लेकिन इतनी बड़ी जीत में बीजेपी और शिवराज के लिए एक हार छिपी हुई है। दरअसल, राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा सहित शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल के 10 से ज्यादा मंत्री चुनाव हार गए हैं। वहीं कांग्रेस ने महज 65 सीट पर जीत दर्ज की है और वह 1 सीट पर आगे चल रही है।
शिवराज मंत्रिमंडल के ये मंत्री हारे चुनाव
ये साफ है कि भाजपा मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखने के साथ ही अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने में सफल रही। लेकिन ये भी सच है कि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल के 10 से अधिक मौजूदा मंत्री शिकस्त खा गए हैं। राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र भारती से 7,742 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है। जिन अन्य प्रमुख मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा उनमें अटेर से अरविंद भदोरिया, हरदा से कमल पटेल और बालाघाट से गौरीशंकर बिसेन शामिल हैं।
इनके अलावा हारने वाले मंत्रियों में बड़वानी से प्रेम सिंह पटेल, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, ग्वालियर ग्रामीण से भारत सिंह कुशवाह, अमरपाटन से रामखेलावन पटेल, पोहरी से सुरेश धाकड़ और परसवाड़ा से रामकिशोर कावरे शामिल हैं। एक अन्य मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी को भी खरगापुर से हार का सामना करना पड़ा।
इन फैक्टर से भाजपा को मिली सफलता
गौरतलब है कि बूथ-स्तरीय प्रभावी रणनीति, मजबूत संगठनात्मक प्रयास और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता जैसे प्रमुख कारकों की वजह से मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में माहौल बना। पार्टी नेताओं ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान जनता, विशेषकर महिलाओं और युवाओं के बीच ‘मामा’ के रूप में बेहद लोकप्रिय हैं, जबकि ‘‘एमपी के मन में मोदी’’ अभियान ने भी राज्य में भाजपा के लिए समर्थन मजबूत करने में मदद की।