Sunday, 07 January 2024 00:00
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एक नहीं कई बाधाओं को पब्लिक को पार करना पड़ रहा है. सड़कें चौड़ी है, तो फुटपाथ नहीं है. फुटपाथ हैं, तो चलने के लिए नहीं बचे हैं. फुटपाथ पर कहीं दुकानें सजी हैं, तो कहीं नगर निगम के विज्ञापनों के होर्डिंग लोगों के सिर पर टकरा रहे हैं. कहीं फुटपाथ ही दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहे हैं, लोग सड़क पर चलने को मजबूर हो रहे हैं.
देहरादून: इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्मार्ट सिटी बनने से पब्लिक की सुविधाओं में इजाफा हुआ है, अभी भी कई विभाग स्मार्ट सिटी पर दाग लगा रहे हैं. सिटी की सड़कें भी चौड़ी हो गई, फुटपाथ भी हैं, लेकिन इसके बावजूद कई बाधाएं पब्लिक की राह में रोड़ा अटका रहे हैं.
सिटी पर दाग लगा रहे विभाग
दून राज्य का पहला स्मार्ट शहर है. स्मार्ट शहर में किस तरह की व्यवस्थाएं होनी चाहिए. यह नाम से पता चल जाता है, लेकिन यहां तो नाम छोडि़ए काम से पता नहीं चल पा रहा है कि यह कौन सी सिटी है. बिजली विभाग से लेकर नगर निगम, एमडीडीए, शहरी विकास, पीडब्ल्यूडी और पेयजल विभागों के काम स्मार्ट सिटी को पलीता लगा रहे हैं. कोई अधूरा काम करके छोड़ गया और किसी को काम से कोई लेना-देना ही नहीं है.
कहीं मेन होल खुले, कहीं बीच में पोल
शहर में एक नहीं कई बाधाओं को पब्लिक को पार करना पड़ रहा है. सड़कें चौड़ी है, तो फुटपाथ नहीं है. फुटपाथ हैं, तो चलने के लिए नहीं बचे हैं. फुटपाथ पर कहीं दुकानें सजी हैं, तो कहीं नगर निगम के विज्ञापनों के होर्डिंग लोगों के सिर पर टकरा रहे हैं. कहीं फुटपाथ ही दूर-दूर तक नहीं दिखाई दे रहे हैं, लोग सड़क पर चलने को मजबूर हो रहे हैं.
ट्रांसफार्मर भी डरा रहे
बिजली के कई पोल सड़क पर होने से न केवल ट्रैफिक व्यवधान हो रहा है, बल्कि जाम की समस्या भी बन रही है. फुटपाथ के बीच तक में बिजली पोल सजे हुए हैं, जिस कारण लोग यहां कई जगहों पर फुटपाथ को यूज नहीं कर पा रहे हैं. केवल पोल ही नहीं फुटपाथ पर बिजली के ट्रांसफार्मर भी लोगों को करंट से डरा रहे हैं. कई जगहों पर रात्रि को राहगीरों को ट्रांसफार्मर झटका भी दे चुका है.
कई बार की कंप्लेन, नहीं सुनता कोई
लोगों का कहना है कि ये छोटी-छोटी चीजें हैं, लेकिन कई बार ये जान के लिए भी खतरा बन जाती है. खासकर रात्रि के दौरान फुटपाथ पर चलना खतरे से खाली नहीं है. कहीं फुटपाथ के बीच में बिजली पोल तो कहीं होर्डिंग, कहीं फुटपाथ हो होकर गुजर रही सीवर लाइन के मेन होल के ढक्कन खुले हुए हैं. लोगों का कहना है कि कई बार कंप्लेन की है, लेकिन सुनने वाला नहीं है. न तो विभागों के अधिकारी और न ही मंत्री, विधायक और अन्य चुने हुए जनप्रतिनिधि ही ध्यान देते हैं. आखिर पब्लिक जाए भी तो जाए कहां.
इन सड़कों पर है दिक्कतें
-राजपुर रोड
-चकराता रोड
-गांधी रोड
-हरिद्वार रोड
-चंदर रोड
-सहारनपुर रोड
-कांवली रोड
-जीएमएस रोड
-शिमला बाईपास रोड
खतरे को न्योता दे रहे फुटपाथ
शहर में पहले तो फुटपाथ ही नहीं हैं और जहां हैं भी वहां फुटपाथ चलने लायक नहीं है. आखिर में पब्लिक को सड़क पर ही धक्के खाकर चलना पड़ता है. घंटाघर से लेकर चकराता रोड, राजपुर रोड, सहारनपुर रोड, गांधी रोड हरिद्वार रोड से लेकर रायपुर रोड. हर जगह फुटपाथ पर बाधाएं ही बाधाएं हैं, जो दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं. कई जगहों पर फुटपाथ व्यापारियों के कब्जे में हैं, तो कहीं नए-पुराने वाहनों की पार्किंग सजी है. कहीं फुटपाथों पर रेलिंग नहीं है. जहां रेलिंग है भी वह जगह-जगह पर टूटी-फूटी है. कहीं पर रेलिंग गायब है. रात्रि को अंधेरे में ये फुटपाथ एक्सीडेंट का कारण बन रहे हैं.
ये विभाग अटका रहे रोड़ा
- नगर निगम
- बिजली विभाग
- पीडब्ल्यूडी
- पेयजल निगम
- जल संस्थान
- सिंचाई विभाग
- एमडीडीए
- एडीबी