Friday, 15 September 2023 00:00
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पाकिस्तान भले ही दाल-रोटी और आटे, चावल व सब्जी के लिए तरस रहा हो, लेकिन वह तेजी से अपने परमाणु जखीरे को बढ़ा रहा है। यह बात हम नहीं कह रहे , बल्कि एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने एक रिपोर्ट में दावा किया है। अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2025 तक पाकिस्तानी परमाणु हथियारों की संख्या 170 से बढ़कर 200 से अधिक हो सकती है।
पाकिस्तान का ध्यान अपने देश की जनता के लिए दाल, रोटी, चावल और आटे, सब्जी का इंतजाम करना नहीं है, बल्कि उसका फोकस अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को बढ़ाने को लेकर है। गुपचुप तरीके से पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों को तेजी से बढ़ा रहा है। मौजूदा वक्त में पाकिस्तान के पास तकरीबन 170 परमाणु हथियारों का भंडार है। अमेरिका की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष 2025 तक करीब यह संख्या 200 तक बढ़ सकती है। यानि अगले 2 वर्षों में पाकिस्तान करीब 30 नए परमाणु हथियार बना लेगा। मगर सवाल वही है कि आटा-दाल के लिए तरसता पाकिस्तान आखिर ये परमाणु हथियार किसके लिए बढ़ा और बना रहा है।
क्या पाकिस्तान वाकई अपने परमाणु हथियारों को बेचकर अपनी गरीबी दूर करना चाहता है, क्या पाकिस्तान रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए परमाणु हथियारों की बिक्री और उत्पादन को बढ़ाने में जुटा है। आखिर सदी का सबसे विनाशकारक हथियारों का जखीरा पाकिस्तान क्यों अचानक से बढ़ाने लगा है। अमेरिका के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है। ‘बुलेटिन ऑफ अटॉमिक साइंटिस्ट्स’ में 11 सितंबर को प्रकाशित स्तंभ ‘न्यूक्लियर नोटबुक’ में कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि पाकिस्तान के पास करीब 170 परमाणु हथियारों का भंडार है। अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी ने 1999 में अनुमान जताया था कि पाकिस्तान के पास 2020 तक 60 से 80 परमाणु हथियार होंगे लेकिन तब से कई नयी हथियार प्रणालियां तैनात और विकसित की गयी हैं जिससे आकलन बढ़ गया है।
पाकिस्तान किसके लिए बना रहा परमाणु हथियार
मौजूदा वक्त में पाकिस्तान के पास भारत से भी ज्यादा परमाणु हथियार हैं। मगर अब वह किसके लिए अपने जखीरे को बढ़ा रहा है। क्या वह रूस को इन हथियारों को बेचना चाहता है या फिर यूक्रेन को भी चोरी-छिपे परमाणु हथियार उपलब्ध करवा रहा है। ’’ वैज्ञानिकों ने कहा, ‘‘हमारा आकलन काफी अनिश्चितता से भरा है क्योंकि न तो पाकिस्तान और न ही अन्य देश पाकिस्तानी परमाणु शस्त्रागार के बारे में ज्यादा सूचना प्रकाशित करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि देश का भंडार मौजूदा वृद्धि दर से 2020 के बाद के वर्षों में करीब 200 तक पहुंच सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन जब तक भारत अपने शस्त्रागार का विस्तार नहीं करता या पारंपरिक ताकतों का निर्माण नहीं करता, तब तक यह उम्मीद करना उचित लगता है कि पाकिस्तान का परमाणु शस्त्रागार अनिश्चितकाल तक बढ़ता नहीं रहेगा बल्कि उसके मौजूदा हथियार कार्यक्रम पूरे होने के बाद यह कम होना शुरू हो सकता है।’’