Sunday, 17 December 2023 00:00
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बहराइच। जिले के सरकारी विद्यालयों के कायाकल्प के लिए लाखों रुपये खर्च किए गए लेकिन तमाम विद्यालय वैसे ही पड़े हैं। जिनका अभी तक कायाकल्प नहीं हो पाया है। कई विद्यालयों में फर्नीचर नहीं पहुंच सका है। जिन विद्यालयों में वायरिंग आदि कराई गई है, वहां घटिया किस्म के उपकरण लगाए गए हैं। पुलिस लाइन में पुराने जर्जर भवन में बच्चे बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं, विभाग 92 प्रतिशत विद्यालयों के कायाकल्प होने का दावा कर रहा है।
बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले में 2803 परिषदीय विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में पांच लाख से अधिक बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। इनमें तमाम ऐसे विद्यालय थे जिनका डीसी निर्माण की देख-रेख में कायाकल्प होना था। इसमें विद्यालयों की रंगाई-पुताई, 442 स्कूलों की चहारदीवारी निर्माण व मरम्मत, 77 बालक व 66 बालिका शौचालय निर्माण, 57 विद्यालयों का विद्युतीकरण, फर्नीचर आदि के लिए लगभग साढ़े छह करोड़ बजट से गांवों के विद्यालयों का पंचायत स्तर, शहरी क्षेत्र के नगर पालिका व नगर निकाय स्तर से कार्य होना था। वहीं कुछ विद्यालयों का कायाकल्प बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से कराया जाना था लेकिन जिले के तमाम विद्यालयों का अभी तक कायाकल्प नहीं हो पाया है। जिसे देखकर लगता है कि भवन काफी पुराने व जर्जर हो गए हैं।
जर्जर दीवारें, छत से गिर रहे प्लास्टर व टाट पर बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्र
पुलिस लाइन स्थित संविलियन विद्यालय बदहाल हो गया है। इस विद्यालय में विभिन्न कक्षाओं के 204 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। शुक्रवार को अमर उजाला ने पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। शुक्रवार को यहां अधिकतम 50 बच्चे ही स्कूल पहुंचे, जिन्हें शिक्षक पढ़ा रहे थे। मरम्मत के अभाव में भवन जर्जर हो गया है। छत में सीलन है। दीवारों व छतों के प्लास्टर छूटकर गिर रहे हैं। दीवारों में दरारें आ गई हैं। फिर भी कमरे में बैठाया जा रहा है। इसके साथ ही विद्यालय में साफ-सफाई का बड़ा अभाव है। हैंडपंप के चारों ओर गंदगी का अंबार है। फटे पुराने टाट पट्टी व चटाई पर बैठकर बच्चे पढ़ाई करते हैं।
बड़ीहाट विद्यालय के बाउंड्रीवाल में लगाई गई टिन
प्राथमिक विद्यालय बड़ीहाट भी खस्ताहाल है। विद्यालय के अंदर प्रवेश करने वाला मुख्य गेट जर्जर हो गया है। बाउंड्रीवाल न होने से टिनशेड लगाया गया है। इसके गिरने का भय बना हुआ है।
फर्नीचर की आपूर्ति न करने पर जारी की गई चेतावनी
परिषदीय विद्यालयों में फर्नीचर पहुंचाने के लिए एक संस्था को नामित किया गया था। निर्धारित समय तक विद्यालयों में संस्था ने फर्नीचर की आपूर्ति न करने पर कई बार चेतावनी भी दी गई। लेकिन ध्यान नहीं दिया गया। इस पर विभाग की ओर से संस्था के जिम्मेदारों पर मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। अब ठंड शुरू हो गई है। गलन भरी ठंड में बच्चे फर्श पर ही बैठकर पढ़ाई करने को विवश होंगे।
कहीं नहीं हो सका विद्युतीकरण तो कहीं नहीं कराया गया रंग-रोगन
विशेश्वरगंज (बहराइच) विशेश्वरगंज क्षेत्र में 109 प्राथमिक, 22 जूनियर हाईस्कूल तथा 36 संविलियन सहित कुल 167 परिषदीय विद्यालय हैं। प्राथमिक विद्यालय जलालपुर तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय रघुरामपुर में अभी तक विद्युतीकरण नहीं हो सका है। प्राथमिक विद्यालय मन्नीटांड़ का रंग-रोगन नहीं कराया गया है।
प्राथमिक विद्यालय प्रतापपुर तरहर, रनियापुर कलां, बभनपुरवा, परसिया, कुशभौना, बुढ़नी में छात्रों की संख्या के सापेक्ष फर्नीचर नहीं है जिससे आधे बच्चे फर्श पर बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं। इस बारे में खंड शिक्षाधिकारी मनमोहन सिंह ने बताया कि विद्यालय से पोल की दूरी 400 मीटर होने के कारण अभी विद्युतीकरण नहीं हो पाया है। सभी विद्यालयों में कायाकल्प कराया गया है, किंतु कुछ विद्यालय ऐसे हैं जहां मामूली कमियां रह गई थीं, जिन्हें पूरा किया जा रहा है।
92 प्रतिशत विद्यालयों का हुआ कायाकल्प
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एआर तिवारी का कहना है कि जिले के परिषदीय विद्यालयों में ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों की पंचायत स्तर पर तथा शहरी क्षेत्र के नगर पालिका स्तर पर कायाकल्प कराया जाना है। 92 प्रतिशत विद्यालयों का कायाकल्प हो भी गया है। जिन विद्यालयों में कुछ काम रह गए हैं, उन्हें जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा।