Tuesday, 10 October 2023 00:00
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दूसरा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि संयोजन देने सहित अन्य कार्य करने के लिए उपखंड अधिकारी अरविंद सिंह की नजर में अवर अभियंता आरपी सिंह है तो सिर्फ घटना का जिम्मेदारी लेने के लिए अवर अभियंता रमेश कुमार ही क्यों?
लखनऊ। चार चार छोटी बच्चियों बच्चियों के ऊपर पूरी तरह से निर्भर दोनों हाथ कटे वेतन/मुआवजा विहीन सेक्टर 14 ओल्ड पावर हाउस में पूर्व में कार्यरत अर्धकुशल निविदा कर्मचारी बृजेश कुमार के संदर्भ में चल रही गोपनीय जांच में नया तथ्य प्रकाश में आया हैं। नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर जॉच समिति ने बताया कि इस सम्पूर्ण मामले में आरोपित अवर अभियन्ता रमेश कुमार का कोई रोल ही नहीं... इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण रोल संबंधित पावर हाउस के मुख्य अधिकारी उपखंड अधिकारी एवं और अभियंता सहित उपखंड अधिकारी का करीबी निविदा कर्मचारी का रहा है।
26/5/2022 : Inchacharge of R P Singh का नाम है और घटना वाले दिन R PSingh & Arun Kumar दो JE है...
जॉच समिति को अभी तक के प्राप्त सबूत के अनुसार अर्ध कुशल निविदा कर्मचारियों बृजेश कुमार के साथ हुए हादसे से लगभग चार दिन पहले से ही उपखंड अधिकारी अरविंद सिंह को अवर अभियंता रमेश कुमार द्वारा समय पर संयोजन सम्बन्धित आर्थिक लाभ न देने के नाराज होने पर अवर अभियंता रमेश कुमार के क्षेत्र संबंधित कार्य की जिम्मेदारी अवैध तरीके से दूसरे क्षेत्र के अवर अभियंता आर पी सिंह को सौप रहे थे... घटना वाले दिन भी और अवर अभियंता रमेश कुमार के क्षेत्र संबंधित दो संयोजन भी तत्कालीन अवर अभियंता आर पी सिंह द्वारा जारी किया गया था।
R P Singh आउट रजिस्टर घटना से पहले मीटर रिसीव किये है
जांच समिति को इस संदर्भ में एक पत्रकार द्वारा कुछ ऑडियो/वीडियो क्लिप सहित महत्वपूर्ण दस्तावेज सहित एक शिकायत पत्र उपलब्ध कराया गया, जिस पर पावर कॉरपोरेशन द्वारा जांच कराई जा रही है... क्योंकि इस हादसे में विभाग में एक अधिशासी अभियंता का भी नाम प्रकाश में आ रहा है इसी कारण गोपनीय जांच कराई जा रही है।
घटना वाले दिन तत्कालीन अवर अभियन्ता आर पी सिंह दिये गये नये संयोजन
अहम सवाल ... सम्बन्धित क्षेत्र का अवर अभियन्ता होते हुए दूसरे क्षेत्र के अवर अभियन्ता के आई डी पर यह संयोजन सम्बन्धित आवेदन पत्र आये कैसे?
अधिशासी अभियंता के ऊपर यह आरोप लग रहे हैं कि सब कुछ जानकारी होने के बाद भी उपखण्ड अधिकारी अरविन्द सिंह का पक्ष लेते हुए पूर्व में हुई जॉच समिति को एक तरफ़ा रिपोर्ट समिट की।
निविदा कर्मचारियों बृजेश कुमार मामले में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि जब बृजेश कुमार अर्धकुशल था, तो उसे बिजली संबंधित कार्य कैसे करने दिया गया?
दूसरा महत्वपूर्ण सवाल यह है कि संयोजन देने सहित अन्य कार्य करने के लिए उपखंड अधिकारी अरविंद सिंह की नजर में अवर अभियंता आरपी सिंह है तो सिर्फ घटना का जिम्मेदारी लेने के लिए अवर अभियंता रमेश कुमार ही क्यों?
देखना यह है कि पावर कॉरपोरेशन उपरोक्त रिपोर्ट को कब सार्वजनिक करने के साथ-साथ दोषियों के ऊपर क्या कार्रवाई करता है?