Thursday, 14 September 2023 00:00
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बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के नए आदेश से शिक्षकों एवं कर्मचारियों के बाद अब अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। पाठक ने निर्देश दिए हैं कि राज्य के कॉलेजों और स्कूलों के निरीक्षण में सुस्ती बरतने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी। ऐसे पदाधिकारियों को शिक्षा विभाग ने आगाह भी किया है।
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के नए आदेश से शिक्षकों एवं कर्मचारियों के बाद अब अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। पाठक ने निर्देश दिए हैं कि राज्य के कॉलेजों और स्कूलों के निरीक्षण में सुस्ती बरतने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई होगी। ऐसे पदाधिकारियों को शिक्षा विभाग ने आगाह भी किया है। विभाग ने जारी आदेश में मुख्यालय पदाधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की है कि उनके द्वारा निर्देशानुसार निरीक्षण कार्य की रिपोर्ट नहीं आ रही है।इसको देखते हुए विभाग में उप निदेशक, निदेशक से सचिव स्तर के पदाधिकारियों को जिला आवंटित करते हुए सख्त आदेश दिया गया है कि स्कूल-कॉलेज का निरीक्षण कर फोटो के साथ रिपोर्ट दें।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक खुद सभी पदाधिकारियों की निरीक्षण रिपोर्ट पर 16 सितंबर को पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन देखेंगे। शिक्षा विभाग के मुख्यालय में पदस्थापित आईएएस, बीपीएस सहित बिहार शिक्षा सेवा के 44 अधिकारियों को अलग-अलग जिले की जिम्मेदारी दी गई है। कई पदाधिकारी बुधवार को जिलों के लिए रवाना भी हो गए हैं। केके पाठक स्वयं भी निरीक्षण कर रहे हैं।
पदाधिकारियों को निर्देश है कि वे जिलों में स्कूलों और कॉलेजों में पठन-पाठन, शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति समेत विभिन्न बिंदुओं पर रिपोर्ट देंगे। निरीक्षण के दौरान पदाधिकारी यह भी जानकारी लेंगे कि स्कूलों के कितने प्रकार के खाते हैं और उनमें कितनी राशि जमा है। इसके अलावा बच्चों की मासिक परीक्षा, साप्ताहिक मूल्यांकन और प्रतिदिन दिए जाने वाले होमवर्क की स्थिति को भी पदाधिकारी देखेंगे। मालूम हो कि एक जुलाई से स्कूलों-कॉलेजों का नियमित निरीक्षण जिलों में कार्यरत पदाधिकारी और कर्मचारी कर रहे हैं। इसी क्रम में विभाग में कार्यरत पदाधिकारियों को भी हर सप्ताह स्कूल-कॉलेज का निरीक्षण करने का निर्देश है।
विद्यालय परिसर की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देंगे
विद्यालय परिसर, शौचालय, कमरे आदि की साफ-सफाई ठीक से हो रही है या नहीं, इस पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। निरीक्षण रिपोर्ट में इसका जिक्र विशेष रूप से होगा। स्कूल में लैब या पुस्तकालय कार्यरत है या नहीं। सरकार की ओर से भेज गए विभिन्न उपकरण, किट, एफएलएन किट एनसीईआरटी किट और खेल के लिए भेजी गई सामग्री का प्रतिदिन इस्तेमाल हो रहा है या नहीं। यह भी जांच करनी है।
इन अधिकारियों को दी गई जिम्मेदारी
शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव को गया, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के राज्य परियोजना निदेशक बी. कार्तिकेय धनजी को सीवान, विशेष सचिव सतीशचंद्र झा को दरभंगा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी को नालंदा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव को औरंगाबाद, प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार को बेगूसराय, मध्याह्न भोजन निदेशक मिथिलेश मिश्रा को लखीसराय, शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सज्जन आर को भोजपुर, निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी को पटना, संयुक्त सचिव संजय कुमार को अरवल, संयुक्त सचिव सुनील कुमार को जमुई तथा उप निदेशक (प्रशासन) उपेंद्र प्रसाद सिंह को जहानाबाद, जिले की जिम्मेदारी दी गई है।