Monday, 03 July 2023 00:00
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी उत्तर भारत की कई जिलों में बंद 10 से 12 गैंगस्टरों को अंडमान-निकोबार की जेल में भेजे जाने की तैयारी कर रही है। इनमें कई गैंगस्टर ऐसे हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि वे दिल्ली और हरियाणा की जेलों में बैठकर भी संगठित आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते रहते हैं। इस बारे में गृह मंत्रालय और एनआईए की बातचीत जारी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने यह मांग गृह मंत्रालय के सामने रखी है। इस मामले पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों की गृह मंत्रालय से विस्तार से चर्चा हो चुकी है।
अगर ऐसा हुआ तो बठिंडा जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नम्बर आना भी पक्का है। तिहाड़ हो या पंजाब की कोई भी जेल वहां जेल में बंद कैदी खासतौर पर गैंगस्टर अपना अपना कारोबार बेधड़क होकर चला रहे हैं। एनआईए की पूछताछ में पंजाब के गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने ये बात कबूल की कि वो जेल से ही सिंडीकेट चला रहा है और लोगों को धमकी देने के अपने धंधे से हर महीने 12 से 15 करोड़ रुपये कमा भी लेता है। अंडमान-निकोबार जेल को काला पानी कहा जाता है। अंग्रेजों के शासन के समय स्वतंत्रता सेनानियों को कालापानी की सजा दी जाती थी तो उन्हें अंडमान-निकोबार भेज दिया जाता था।
गैंगस्टर के सिंडीकेट को तोड़ना चाहती है एनआईए
एनआईए ने कहा है कि ये गैंगस्टर जेलों से ही अपना गैंग चला रहे हैं और जांच एजेंसी किसी भी सूरत में इन गैंगस्टर के सिंडीकेट को तोड़ना चाहती है। सबसे पहले इन लोगों को उन इलाकों से निकालकर ऐसी जेलों में भेजा जाए जहां से वो अपना नेटवर्क खड़ा न कर सकें। वहां इलाका तो नया होगा ही, भाषा भी इनके लिए बड़ी बाधा साबित होगी।
लॉरेंस बिश्नोई ने जेल से दिया था इंटरव्यू
लॉरेंस बिश्नोई ने जेल से इंटरव्यू दिया था जिसके बाद ही एजेंसियों में हड़कंप मच चुका है। मामला तूल पकड़ते देख पंजाब सरकार ने पल्ला झाड़ लिया और कहा कि बिश्नोई ने इंटरव्यू को बठिंडा जेल से नहीं दिया था। अप्रैल में जब एनआईए ने बिश्नोई को अपनी हिरासत में लिया तो उसने पूछताछ में बताया कि इंटरव्यू उसने जेल से ही दिया था।
लॉरेंस काफी समय से बठिंडा सेंट्रल जेल में बंद था। यहां से उसे गुजरात पुलिस ने एक आपराधिक मामले की जांच के लिए हिरासत में लिया था और गुजरात की साबरमती जेल लेकर आई थी। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक मामले को लेकर मई के आखिरी हफ्ते में ही लॉरेंस को कस्टडी में लिया था और दिल्ली लेकर आई थी। कोर्ट ने गैंगस्टर को रिमांड पर भेज दिया था।
कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देते हुए दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में एप्लीकेशन दी थी कि लारेंस के दिल्ली के जेल में रहने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। लॉरेंस को बठिंडा जेल से ही पहले एनआईए ने रिमांड पर लिया, उसके बाद गुजरात पुलिस ने और अब दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने कस्टडी में लिया हुआ है। लिहाजा जिस जेल से एजेंसियों ने लॉरेंस को कस्टडी में लिया था, सीधा उसी जेल में भेजा जाए, न की दिल्ली की जेल में। इस पर कोर्ट ने लॉरेंस बिश्नोई को बठिंडा जेल भेजने के आदेश जारी किया था।
अमृतपाल सिंह को रखा गया है डिब्रूगढ़ जेल में
एनआईए के लिए आसानी यह होगी कि अंडमान जेल में अपराधियों को भेजने के लिए उसे किसी राज्य की परमिशन नहीं लेनी पड़ेगी क्योंकि अंडमान-निकोबार केंद्र शासित है। कुछ गैंगस्टरों को असम की डिब्रूगढ़ जेल भी भेजा जा सकता है। पंजाब से गिरफ्तार किए गए वारिस पंजाब दे प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों को असम की डिब्रूगढ़ जेल में ही रखा गया है।