Wednesday, 25 October 2023 00:00
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झारखंड में मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्री एचईसी के कर्मचारियों को पिछले करीब 18 महीने से सैलरी नहीं मिली है, जिसके चलते वह दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं. वह लगातार सरकार से अपने संस्थान को बचाने और सैलरी की मांग कर रहे हैं. सरकार उनकी बात नहीं सुन रही इसलिए अब वे दिल्ली में प्रदर्शन करेंगे.
1963 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एशिया की सबसे बड़ी मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज एचईसी की शुरुआत की थी. एचईसी 1963 में 22 हजार कर्मचारियों के साथ शुरू की गई थी. मदर ऑफ ऑल इंडस्ट्रीज में आज महज 3000 अधिकारी और कर्मचारीव बचे हैं. जिन्हें वेतन देने के लिए एचईसी के पास पर्याप्त राशि तक नहीं है. ये वहीं कर्मचारी हैं जिन्होंने चंद्रयान का लॉन्चिंग पैड बनाया था.
एक तरफ चंद्रयान-3 की सफलता से देश फुला नहीं समा रहा है, वहीं दूसरी ओर चंद्रयान 3 की सफलता में योगदान देने वाले एचईसी के हुनरमंद कर्मचारी सड़कों पर रिक्शा चलाने और चाट-पकौड़ों की रेहड़ी लगाने के लिए मजबूर हैं. देश को विभिन्न अवसरों पर गौरवान्वित करने वाले ये कर्मचारी अपने वेतन और अपनी संस्थान को बचाने के लिए आंदोलनरत है. संस्थान के बाहर कई दिनों तक धरना दिया, सचिवालय तक बात पहुंचाई और अब कर्मचारी अपने मांगें पूरी होने की आस लेकर दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं.
बता दें कि 21 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर में एचईसी के विभिन्न श्रमिक संगठन के लोग एक जुट होकर प्रदर्शन करेंगे. इस दौरान कर्मचारियों के हाथों में चंद्रयान-3 के कट आउट भी देखने को मिलेंगे. अपने वेतन की मांग को लेकर एचईसी के श्रमिक रांची से दिल्ली के लिए ट्रेन से रवाना हुए हैं. बता दें कि कल यानी 21 सितंबर को दिल्ली के जंतर-मंतर के साथ-साथ मुख्यालय के पास वेतन की मांग को लेकर कर्मचारी प्रदर्शन करेंगे.