हिट एंड रन से जुड़े कानून में बदलाव के बाद ट्रांसपोर्ट व्हीकल के ड्राइवर्स का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है. देशभर में ट्रांसपोर्ट सिस्टम ठप पड़ गया है. ड्राइवरों ने ट्रक, टैंकर और बसों को सड़क पर छोड़ दिया है और बेमियादी हड़ताल में शामिल हो गए हैं. ये प्रदर्शन तेजी पकड़ता जा रहा है. यानी हड़ताल करने वाले ट्रांसपोर्ट व्हीकल की संख्या बढ़ती जा रही है. अगर कुछ दिनों तक यही हाल रहा तो पूरे देश में ना सिर्फ सप्लाई चेन ठप हो जाएगी, बल्कि फ्यूल की किल्लत भी नागरिकों की मुसीबत बढ़ाएगी.
देश में ट्रक एसोएिशन की यह हड़ताल आम चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले हो रही है. ऐसे में राजनीतिक माहौल भी गरमाने की संभावना बढ़ गई है. नए कानून का देशभर में जगह-जगह विरोध देखने को मिल रहा है. हड़ताल का मंगलवार को दूसरा दिन है. दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, यूपी, बिहार पंजाब, गुजरात, हिमाचल प्रदेश में हड़ताल ने असर दिखाना शुरू कर दिया है. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि ड्राइवर अपनी इच्छा से हड़ताल पर हैं.
देश में 30 लाख से ज्यादा ट्रकों के चक्का जाम
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से जुड़े लोगों का कहना है कि देश में 95 लाख ट्रक-टैंकर हैं. इनमें से 30 लाख से ज्यादा ट्रक-टैंकर की सेवाएं ठप हो गई हैं. इसी वजह से पूरा सिस्टम प्रभावित हुआ है. ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन हड़ताल को लेकर मंगलवार को एक बैठक में फैसला लेगा.
पेट्रोल पंपों पर ताले डालने की नौबत
वहीं, इस हड़ताल के बाद कई शहरों में पेट्रोल पंपों पर ताले डलने की नौबत आ गई है. भोपाल समेत अन्य शहरों में कई पेट्रोल पंपों पर फ्यूल का संकट है. वाह की लंबी कतारें लगी हैं. हर कोई अपने वाहनों का टैंक फुल करवाना चाहता है. यहां कई पेट्रोल पंप बंद हो गए हैं.
देश की सप्लाई चैन पर भी संकट
इधर, सप्लाई चैन प्रभावित होने से लोगों की रोजमर्रा की जरूरत पर संकट बढ़ गया है. दूध, सब्जियां, दवाएं, खाने-पीने का सामान, रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल की किल्लत प्रमुख तौर पर बढ़ने की संभावना हो गई है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से खबर है कि वहां स्कूल बसों से लेकर कैब सर्विस भी ठप हो गई है. यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है. भोपाल में निजी एंबुलेंस भी इस हड़ताल में शामिल हो गई हैं.
कई शहरों दूध और सब्जियों की सप्लाई प्रभावित
सब्जियों के दामों में इजाफा हो गया है. सब्जी बेचने वालों का कहना है कि बाहर से सप्लाई नहीं आ पा रही है. ऐसे में दामों का बढ़ना स्वभाविक है. उन्होंने कहा कि जिन सब्जी व्यापारियों के निजी वाहन हैं, वे ही मंडियों तक पहुंच पा रहे हैं. ऐसे में 50 फीसदी से ज्यादा सप्लाई चैन प्रभावित हो गई है. इसी तरह, दूध और किराना मार्केट भी प्रभावित हो गया है. हालांकि, उम्मीद यही जताई जा रही है कि जल्द ही स्थिति को संभाल लिया जाएगा.
क्यों विरोध हो रहा है...
दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार ने रोड रेज या हिट एंड रन (रोड एक्सीडेंट) करके भागने वालों के खिलाफ कानून में बड़े बदलाव किए हैं. ये कानून जल्द ही लागू होने वाला है. नए कानून के तहत, अब कोई ड्राइवर रोड एक्सीडेंट करके भाग नहीं सकता है. अगर कोई शख्स रोड पर एक्सीडेंट करके भाग जाता है और घायल को सड़क पर ही छोड़ देता है तो उसे 10 साल की सजा होगी और जुर्माना किए जाने का प्रावधान है. हालांकि, मानवीयता दिखाने पर कुछ राहत का भी प्रावधान किया गया है. अगर एक्सीडेंट करने वाला ड्राइवर घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल तक पहुंचाता है तो उसकी सजा कम कर दी जाएगी. सरकार का कहना है कि इससे मौतों की संख्या में कमी आएगी और लोगों को सही समय पर उपचार मिल सकेगा.
ड्राइवर क्या तर्क दे रहे हैं...
वहीं, ट्रक-टैंकर और अन्य ड्राइवर्स का कहना है कि हादसे के बाद घटनास्थल पर रुकना उनके लिए खतरा बन सकता है. किसी भी हादसे के बाद लोगों में नाराजगी देखने को मिलती है और भीड़ की शक्ल में लोग तोड़फोड़, हंगामा, मारपीट और आगजनी तक पर उतारू हो जाते हैं. ऐसे में अगर भीड़ ने घेर लिया तो जान मुसीबत में आ सकती है.
हिट एंड रन को लेकर IPC में क्या प्रावधान....
हिट एंड रन के केस में अब तक आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), ड्राइवर की पहचान होने की स्थिति में 304A (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है. कुल दो साल की सजा या जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है. यही वजह है कि अक्सर चालक हादसे के बाद वाहन लेकर या वाहन छोड़कर भाग जाते थे. दरअसल, आईपीसी की धारा 80 दुर्घटना को सामान्य बचाव के रूप में बताती है. इसके मुताबिक, कोई भी काम अपराध नहीं है, जो दुर्घटना या दुर्भाग्य से किया जाता है. धारा 161 में हिट एंड रन के पीड़ितों को मुआवजे का प्रावधान किया गया है.
हिट एंड रन को लेकर अब BNS में क्या प्रावधान....
BNS में धारा 104 में हिट एंड रन का जिक्र किया गया है. इसमें ड्राइवर की लापरवाही से किसी नागरिक की मौत होने पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. धारा 104(1) और धारा 104(2) में हिट एंड रन को परिभाषित किया गया है. धारा 104(2) कहती है, जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है और गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है. घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है तो उसे किसी भी अवधि के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी देना होगा. नए नियम दोपहिया, तीन पहिया से लेकर कार, ट्रक, टैंकर, बस समेत सभी वाहनों पर लागू होंगे.
राजस्थान
राजस्थान में बस-ट्रकों के पहिये थम गए हैं. ट्रक चालकों के समर्थन में बस चालक उतर गए हैं. राजस्थान रोडवेज चालक भी समर्थन में आए हैं. यहां यात्री भी परेशान हो रहे हैं. ड्राइवर का कहना है कि कानून में जो बदलाव किया गया है, वो सरासर गलत है. जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा. भरतपुर जिला, उत्तर प्रदेश बॉर्डर से सटा हुआ है. वहां ना तो निजी बस चल रही है, ना सरकारी बस चल रही है. पेट्रोल पंपों पर भी फ्यूल नहीं आ पा रहा है. मंगलवार को पेट्रोल पंपों का तेल भी खत्म हो जाएगा.
राजस्थान के पचपदरा में एचपीसीएल की रिफाइनरी के आगे हाइवे पर ट्रक चालकों समेत वाहनों ने जाम लगा दिया और टायर जलाकर विरोध जताया. वाहन चालक सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए. मजदूर भी यहां सड़कों पर उतर आए हैं. हाइवे पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी -लंबी कतारें लग गईं. पुलिस से लेकर प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शनकारियों को समझाते नजर आए.यहां कई रोडवेज बसें भी जाम में फंस गईं. रिफाइनरी जाने वाले मजदूर, कर्मचारी और यात्री भी बीच रास्ते में ही फंस गए.
छत्तीसगढ़
व्यावसायिक बसों और ट्रक चालकों ने सोमवार से काम बंद कर दिया. नए कानून के प्रावधान को वापस लेने की मांग की जा रही है. छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया गया. राज्य भर में 12,000 से ज्यादा निजी बस चालकों ने हड़ताल की घोषणा की, जिससे सैकड़ों यात्री रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग और राजनांदगांव समेत अन्य शहरों के बस स्टेशनों पर फंसे रहे. लोग इस आशंका से कई शहरों में पेट्रोल पंपों पर कतार में खड़े हैं कि हड़ताल के कारण आने वाले दिनों में फ्यूल सप्लाई प्रभावित हो सकती है. विरोध प्रदर्शन के कारण कई यात्रियों को असुविधा हुई. फंसे हुए लोगों को वैकल्पिक यात्रा व्यवस्था करने की कोशिश करते देखा गया.
बिलासपुर में सब्जी से लेकर राशन तक महंगे हो रहे हैं. सबसे ज्यादा परेशानी पेट्रोल पंप के बाहर खड़े लोगों को झेलनी पड़ रही है. हड़ताल की वजह से पेट्रोल पंप में 24 घंटे में पहले ईंधन समाप्त हो चुका है. अब ज्यादातर पंप बंद कर दिए गए हैं. लोगों का कहना है कि हड़ताल से परेशानियां आ गई हैं.
चंडीगढ़
ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल का आसार चंडीगढ़ में भी देखने को मिल रहा है. चंडीगढ़ के ज्यादातर पेट्रोल पंप खाली हो चुके हैं. जहां पर डीजल या पेट्रोल मिल रहा है, वहां पर कई किलोमीटर लंबी लाइनें वाहनों की नजर आ रही हैं. लोग परेशान होते हुए डीजल-पेट्रोल के लिए इधर से उधर घूम रहे हैं.
पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में सैकड़ों ट्रक और वाणिज्यिक वाहन चालक विरोध कर रहे हैं. रविवार को हुगली जिले में दानकुनी टोल प्लाजा के पास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 को लगभग दो घंटे तक अवरुद्ध कर दिया गया. पुलिस के अनुसार, आंदोलनकारियों ने सुबह करीब 10:30 बजे चंडीतला में टायर जलाए और सड़क के बीच में अपने वाहन खड़े कर दिए. जिससे यातायात ठप हो गया. ट्रक चालकों को नाकाबंदी हटाने के लिए पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी. चंडीताला और दनकुनी पुलिस स्टेशनों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे. एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने सड़क की नाकाबंदी हटा दी. दोपहर 1:50 बजे वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई.
महाराष्ट्र
ट्रक ड्राइवरों ने सोमवार को महाराष्ट्र में कई स्थानों पर 'रास्ता रोको' के तहत विरोध प्रदर्शन किया. मंगलवार को भी यही हालात बने रहे. विरोध प्रदर्शनों से कुछ स्थानों पर फ्यूल की कमी की आशंका पैदा हो गई. अधिकारियों के अनुसार, ट्रक चालकों ने ठाणे जिले के मीरा भयंदर इलाके में मुंबई-अहमदाबाद हाईवे पर कुछ देर के लिए यातायात अवरुद्ध कर दिया. पुलिस पर पथराव किया, जिससे एक पुलिसकर्मी घायल हो गया. पथराव से पुलिस का एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया. सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर और गोंदिया जिलों में भी सड़कें अवरुद्ध हो गईं. नवी मुंबई और अन्य स्थानों पर स्थिति नियंत्रण में है.
पंजाब
ट्रकों और बसों समेत बड़ी संख्या में वाणिज्यिक वाहनों ने सोमवार को पंजाबभर में सेवाएं ठप कर दीं. ट्रक चालकों ने मोगा में लुधियाना-फ़िरोजपुर रोड पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे यातायात बाधित हो गया. ट्रांसपोर्टरों के अनुसार, ट्रक चालक भी अंबाला के पास शंभू सीमा पर एकत्र हो गए हैं, जिससे ट्रकों की आवाजाही बाधित हो गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारी पंजाब रोडवेज, पंजाब रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (पीआरटीसी) और निजी बस कंपनियों से जुड़े ड्राइवरों से समर्थन जुटा रहे हैं.
मध्य प्रदेश
भोपाल में ड्राइवरों ने लालघाटी पर आंदोलन किया. सिटी बसें और वाहन रोके. कुछ प्रदर्शनकारी एमपी नगर के बोर्ड ऑफिस चौराहे पर भी एकत्र हुए. ड्राइवरों के विरोध प्रदर्शन के कारण राज्य में कुछ स्थानों पर सड़क जाम देखा गया. विभिन्न शहरों में फ्यूल सप्लाई बाधित होने की आशंका के कारण पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें देखी गईं. इंदौर में विरोध प्रदर्शन के तहत गंगवाल बस स्टैंड पर बसें सड़क पर खड़ी कर दी गईं.
हरियाणा
हरियाणा में पेट्रोल की सप्लाई पर असर आया है. रेवाड़ी में पेट्रोल पंप पर तेल खत्म हो गया है. टैंक खाली हो गए हैं. जहां थोड़ा बहुत पेट्रोल बचा है, वहां जनता की सहूलियत के लिए थोड़ा-थोड़ा सबको दिया जा रहा है, ताकि रोजमरा की तरह आम आदमी अपने गंतव्य तक पहुंच सके. जिन पेट्रोल पंप मालिकों के अपने टैंकर हैं, वो डिपो से पेट्रोल और डीजल भरवा कर मंगवा रहे हैं, लेकिन डिपो द्वारा भेजे जाने वाले ट्रक ठप पड़े हैं. लोगों का कहना है कि कानून बिल्कुल सही है, इससे आम जनता को फायदा मिलेगा. यहां डेढ़ लाख ट्रक और 75 हजार बसों के चक्के थम गए हैं.