Saturday, 23 September 2023 00:00
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अपने अधिकारीयों की गर्दन फसता देख उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन जांच के नाम पर मामले को उलझाने का प्रयास कर रहा है, ताकि विभाग की किरकिरी न हो... जब कि पूरे प्रकरण की तस्वीर साफ है।
अयोध्या में अवैध रूप से चल रहे मिनी पावर के खुलासे ने सम्पूर्ण पावर कारपोरेशन को हिला कर रख दिया है, हर तरफ सिर्फ किरकिरी ही किरकिरी हो रही है। एक तरफ पावर कारपोरेशन के अफसर और इंजीनियर उपभोक्ताओं को बिजली मीटर देने के नाम पर उत्पीड़न कर रहे हैं, दूसरी तरफ एक सुनार की दुकान पर मिले 600 बिजली मीटरों का मिलना यह साफ दर्शाता है कि पावर कारपोरेशन में मीटर गैंग सक्रिय है, अंदेशा है यह खुलासा नाम मात्र का है, ऐसे कई जिलों में अवैध रूप से मिनी पावर हाउस का खुलासा हुआ है।
सूत्रों का माने यह खुलासा मिनी पावर हाउस के संचालकों द्वारा पावर कारपोरेशन के अधिकारीयों को कई माह से हिस्सा न पहुॅचाने के कारण हुआ है, हालांकि इस बात की पुष्टि आवाज प्लस नहीं करता। खैर इस खुलासे के कारण कई पावर कारपोरेशन के अफसर की गर्दन फंस सकती है। अधिकारीयों की गर्दन फसता देख उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन जांच के नाम पर इस मामले को लेकर हाई पावर कमेटी बनाने पर भी विचार चल रहा है, ताकि जॉच के नाम पर इस मामले को उलझा दिया जाये, धीरे धीरे लोग इसको भूल जाये, जैसे कि लखनऊ में मुंशीपुलिया डिविजन अन्तगर्त अमराई गॉव पावर हाउस में नियमों को ताक पर रख कर 3500 किलोवाट का लोड आवंटन का मामले में अपने ही अधिकारीयों की गर्दन फसता देख जॉच को ठण्डा बस्ता में डाल दिया है। पावर कारपोरेशन का पूरा प्रयास कर रहा है, ताकि विभाग की किरकिरी न हो... इसलिए जॉच के नाम पर कमेटी बनाने की बात कर रही है, जब कि पूरे प्रकरण की तस्वीर साफ है।
उच्च स्तरीय जांच कराने का निर्देश
अयोध्या में मीटर रीडिंग बैक एवं मीटर में चिप लगाने वाले गैंग का खुलासा हुआ। गैंग के पास 600 पुराने मीटर और 230 नए मीटर मिले । ये मीटर विभिन्न मीटर निर्माता कंपनियों से विद्युत वितरण निगम को आपूर्ति किए गए हैं । विभागीय अधिकारी मामले को दबाने की फिराक में थे, लेकिन शुक्रवार को यह प्रकरण पावर कॉरपोरेशन तक पहुंच गया। कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ आशीष गोयल ने पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के लिए जारी किए गए मीटर संबंधित व्यक्ति तक कैसे पहुंचे इसकी जांच की जाएगी। जो भी दोषी मिला उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गैंग के पास पास नए और पुराने
गैंग के पास लगभग 600 मीटर पुराने और लगभग 230 नए मीटर मिले हैं। इसका मतलब यह हुआ कि गिरोह पूरे उत्तर प्रदेश में फैला हुआ है । सबसे चौंकाने वाला मामला यह है की गैंग के पास लगभग 800 प्लास्टिक सील पाई गई जिसमे बड़ी संख्या में बिजली कंपनियों के नाम अंकित थे। अलग से केवल से कटे हुए विभिन्न बिजली कंपनियों के मीटर जिसमें मध्यांचल पूर्वांचल व दक्षिणांचल लिखे हुए पाए गए, वहां 400 चिप पाई गई है। बडी संख्या में रिमोट और कुछ डुप्लीकेट सील पाए गए ।
अभियंताओं की मिलीभगत का मिला प्रमाण
गैंग के पास 600 पुराने मीटर और 230 नए मीटर मिले, ये मीटर विभिन्न मीटर निर्माता कंपनियों से विद्युत वितरण निगम को आपूर्ति किए गए है ....बिजली अभियंताओं की मिलीभगत का यह प्रत्यक्ष प्रमाण है। जिस तरह से गैंग के सरगना के मोबाइल में बिजली कर्मियों, संविदा कर्मियों के बडी संख्या में मोबाइल नंबर मिले हैं, उस तस्वीर अपने आप साफ हो जा रही है। ऐसे में स्टोर से जिन अभियंताओं को मीटर जारी किया गया, स्टोर से मिलान होते ही खुल जाएगा मामला, स्टोर से किस अभियंता को बिजली का मीटर अलर्ट किया गया, इसकी सूची बनवा जाए। उसे अभियंता ने उपभोक्ता के बजाय गैंग तक कैसे पहुंचा यह सुनिश्चित कर आसानी से जिम्मेदारी तय की जा सकती है, और उन पर करवाई हो सके। उन्होंने कहा कि ऊर्जा मंत्री हर बैठक में कार्मिकों को कर प्रणाली सुधारने की नसीहत दे रहे हैं, लेकिन हालत में सुधार नहीं हुआ है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण अयोध्या का मीटर प्रकरण है।