Saturday, 19 August 2023 00:00
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सुप्रीम कोर्ट ने प्राइमरी टीचरों की नौकरी के लिए B.Ed डिग्री को अयोग्य करार दिया, जिसके बाद से बी.एड डिग्री धारक सुप्रीम अदालत के फैसले के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि सरकार एससी के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाए.
बी.एड पास नौजवानों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है. रविवार 20 अगस्त को CTET की परीक्षा है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन मतलब CBSE ने इस परीक्षा के लिए एडमिट जारी कर दिया है. B.Ed डिग्री वाले पिछले दो दिनों से लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे थे. इस तरह के प्रदर्शन देश के कई शहरों में हो रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने प्राइमरी टीचरों की नौकरी के लिए B.Ed डिग्री को अयोग्य घोषित कर दिया है.
देश की सर्वोच्च अदालत ने 11 अगस्त को ये फैसला सुनाया. इसके बाद से B.Ed पास लोगों का भविष्य अधर में है. इन सबकी चिंता इस बात को लेकर थी कि क्या उन्हें केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल होने दिया जाएगा? एडमिट जारी होने के बाद से ये कंफ्यूजन खत्म हो गया है. इसमें परीक्षा दो पालियों में होगी.
बिहार से भी B.Ed डिग्री वाले नौजवानों के लिए राहत की खबर है. वहां पहली बार BPSC मतलब बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन ने टीचरों की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की है. ये परीक्षा 24, 25 और 26 अगस्त को होगी. ये तय हुआ है कि B.Ed वाले भी इस परीक्षा में शामिल होंगे.
‘बी.एड वालों के पास छोटे बच्चों को पढ़ाने की ट्रेनिंग नहीं होती’
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि शायद B.Ed वालों को बाहर कर दिया जाए, लेकिन आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने बताया कि जब फार्म भरा गया था तब तक B.Ed वाले भी प्राइमरी टीचर की नौकरी के योग्य थे. इसलिए उन्हें परीक्षा देने का मौका दिया जा रहा है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए क्या उन्हें प्राइमरी टीचर की नौकरी दी जा सकती है, इस पर कहा गया कि फैसला कानूनी राय लेकर होगा. करीब 3 लाख, 80 हजार बी.एड डिग्री धारकों ने परीक्षा के लिए फार्म भरा है.
अब तक बी.एड पास लोग भी प्राइमरी टीचर के लिए पात्र माने जाते थे. ये व्यवस्था 2018 से चली आ रही थी. तब NCTE मतलब नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन ने इसके लिए गजट जारी किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को अपने एक आदेश में इस नोटिफिकेशन को रद्द कर दिया. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि बी.एड वालों के पास छोटे बच्चों को पढ़ाने की ट्रेनिंग नहीं होती है. इसीलिए वे छोटे बच्चों को क्वालिटी ट्रेनिंग नहीं दे सकते हैं.
देशभर में 50 लाख लोग बेरोजगार!
पहले ये व्यवस्था थी कि बी.एड डिग्री वाले छह महीने का ब्रिज कोर्स कर क्लास 1 से लेकर 5 तक के बच्चों को पढ़ाया करते थे. BBA, B Pharma और B Tech करने के बाद भी कई लोग सरकारी नौकरी की आशा में बी.एड कर चुके हैं. एक अनुमान के मुताबिक, देशभर में अभी कम से कम 50 लाख B.Ed पास लोग बेरोजगार हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बी.एड पास लोग क्या करेंगे, उनकी मांग है कि केंद्र सरकार देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाए.