Sunday, 12 November 2023 00:00
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तेलंगाना विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से शुक्रवार को जारी घोषणा पत्र पर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस के घोषणा पत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए कई बड़े वादे किए गए हैं, जिसे लेकर अब असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता हिमंता बिस्वा सरमा ने निशाना साधा है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस की ओर से तेलंगाना में जारी ‘अल्पसंख्यक घोषणा पत्र’ को लेकर निशाना साधा है. सरमा ने कांग्रेस के कदम को तुष्टिकरण की राजनीति करार देते हुए कहा, अपने लंबे राजनीतिक जीवन में मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक धर्म के वोट बैंक पर कब्जा करने की कोशिश में कांग्रेस इतना नीचे गिर जाएगी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस धर्म विशेष के लिए घोषणा पत्र जारी कर मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग के सपने को पूरा कर रही है.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर एक के बाद एक तीन पोस्ट करते हुए कहा, सभी भारतवासियों को यह जरूर पूछना चाहिए कि क्या कांग्रेस का नारा ‘जितनी आबादी उतना हक’ मुसलमानों के लिए अवैध आरक्षण को वापस लाने का एक दिखावा है? क्या करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल मौलानाओं को वेतन देने और अन्य विभाजनकारी योजनाओं के वित्तपोषण के लिए किया जाना चाहिए?
‘कांग्रेस ने जिन्ना की नीतियों को पुनर्जीवित कर दिया’
उन्होंने आगे कहा, महात्मा गांधी ने मोहम्मद अली जिन्ना की ओर से वकालत की गई अलग निर्वाचन प्रणाली के खिलाफ लड़ाई में अपना जीवन व्यतीत किया. और अब जिन लोगों ने गांधी उपनाम अपना लिया है, उन्होंने जिन्ना की नीतियों को पुनर्जीवित कर दिया है. हमारे स्वतंत्रता सेनानी का यह अपमान न तो माफ किया जाएगा और नहीं इसे भुलाया जाएगा.
इमाम, खादिम और अन्य पुजारियों के लिए बड़े वादे
दरअसल, तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की ओर से जारी घोषणा पत्र में अल्पसंख्यकों के लिए कई बड़े वादे किए गए हैं. घोषणापत्र में कांग्रेस ने राज्य के इमाम, खादिम, पादरी, ग्रंथी सहित सभी धर्मों के पुजारियों के लिए 10000 से 12000 रुपए मासिक मानदेय देने का वादा किया है.
इसके अलावा अब्दुल कलाम-ए-तालीम योजना के तहत मुस्लिम, सिख, ईसाई और राज्य के अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं को एम फिल और पीएचडी की पढ़ाई पूरी करने के लिए पांच लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी घोषणा की है.