Friday, 06 October 2023 00:00
AWAZ PLUS MEDIA HOUSE
भारतीय विदेश मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि भारत में कनाडा के जो अतिरिक्त डिप्लोमेट हैंं वे कनाडा वापस जाएंगे, विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में खालिस्तान मुद्दे पर मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत सिर्फ कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा चाहता है और ये भी सुनिश्चित करना चाहता है कि हमारी कम्युनिटी प्रभावित न हो.
भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को स्पष्ट शब्दों में एक बार फिर कहा कि भारत में कनाडा के बहुत राजनयिक हैं जो देश के आंतरिक मामलों में दखल देते हैं, इनसे वापस जाने के लिए कह दिया है, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजनयिकों की वापसी कब होगी इसकी कोई तारीख तय नहीं है, लेकिन कनाडा से जल्दी से जल्दी ऐसा करने को कहा है.
विदेश मंत्रालय का यह बयान ब्रिटिश मीडिया में प्रकाशित एक खबर के दो दिन बाद आया है, जिसमें यह बताया गया था कि भारत ने कनाडा से अपने 41 राजनयिक वापस बुलाने के लिए कहा है, रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र था कि भारत ने ऐसा करने के लिए कनाडा का 10 अक्टूबर तक का समय दिया है, यदि तय समय तक ऐसा नहीं होता है तो भारत में कनाडा के राजनयिकों को जो छूट दी जा रही वह खत्म कर दी जाएगी.
विदेश मंत्रालय ने और क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत और कनाडा के राजनयिकों की संख्या में समानता के लिए लगातार बातचीत चल रही है. खालिस्तानी विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि कनाडा और भारत के राजनयिकों की सुरक्षा हमारा प्रमुख मुद्दा है, इसके अलावा हमारे ऑफिस सुरक्षित रहें, हमारे लोग वहां काम काज कर सकें और कम्युनिटी को टारगेट न किया जाए, इन मुद्दों पर भी बातचीत चल रही है.
कनाडा के पीएम के बयान से बढ़ा था तनाव
भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, इसकी शुरुआत 18 सितंबर को कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के उस बयान से हुई थी, जिसमें उन्होंने खालिस्तानी समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने की आशंका जताई थी. हालांकि बुधवार को ही जस्टिन ट्रूडो ने भारत से तनाव न बढ़ाने और रचनात्मक रिश्ते को बरकरार रखने की बात कही थी.
भारत ने आरोपों को बताया था बेतुका
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रुडो के आरोप को भारत ने बेतुका और राजनीति से प्रेरित बताया था. दोनों देशों के बीच तनाव तब और बढ़ गया था जब कनाडा ने एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित कर दिया था. इसके जबाव में भारत ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया था. अब भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से दिए गए बयान से ये स्पष्ट है कि फिलहाल दोनों देशों के बीच रिश्ते सामान्य नहीं है.