United Nations Anniversary: संयुक्त राष्ट्र यानी UN आज 78 साल का हो गया है. वो संयुक्त राष्ट्र जो किसी भी देश में तबाही या आपातस्थिति में सबसे पहले मदद के लिए पहुंचता है. जानिए कब और कैसे बना UN और कितनी तरह से मदद करता है.
संयुक्त राष्ट्र आज 78 साल का हो गया है. इसकी स्थापना 24 अक्तूबर,1945 में ठीक दूसरे विश्वयुद्ध की समाप्ति के बाद हुई थी, जिसमें 50 देशों ने अपनी अहम भूमिका निभाई थी. इरादा यही था कि जिस तरह पूरी दुनिया में मनमाने तरीके से युद्ध लड़े गए. हजारों जानें गईं, उन पर भविष्य में अंकुश लग सके. हालांकि, यूक्रेन-रूस युद्ध, इजराइल-हमास युद्ध, आर्मेनिया-अजरबैजान संघर्ष के बीच चल रहे तनाव के बीच संयुक्त राष्ट्र की भूमिका कठघरे में है लेकिन संगठन के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. अपनी 78 साल की यात्रा में इसने कई मील के पत्थर स्थापित किए हैं.
दुनिया ने पहले और दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान तबाही देखी थी. यह तबाही अपने अलग-अलग रूप-स्वरूप में सामने आई. जानें गईं. विकास के पहिये थम से गए. जहां देखो, वहीं युद्ध चल रहा है. कौन दोस्त और कौन दुश्मन पता करना मुश्किल हो रहा था. सबसे भयानक परमाणु हमला भी इसी दौर में देखने को मिला, जब जापान के दो शहर तबाह हो गए. जिंदगियों की तो गिनती करना ही मुश्किल है. तब दुनिया के देश सामने आए और इस संगठन की रूपरेखा बनी.
क्यों हुई UN की स्थापना?
संयुक्त राष्ट्र का प्राथमिक उद्देश्य दुनिया में शांति-सुरक्षा स्थापित करना, राष्ट्रों के बीच मैत्रीपूर्ण भाव उत्पन्न करने में मदद करना, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग हासिल करना, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विकास के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना के साथ मानवाधिकारों की रक्षा करना, विकास के साथ ही जरूरत पड़ने पर मानवीय सहायता पहुंचाना और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करवाना रहा है.
शुरुआती दौर में 50 देश इस पर सहमत हुए और जुड़े. आज यह दुनिया का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय संगठन है. न्यूयार्क में इसका मुख्यालय है तथा जिनेवा, नैरोबी, द हेग में इसके अन्य दफ्तर खुले हुए हैं.
इसकी भूमिका 25 अप्रैल 1945 को तय की गई, जब सैन फ्रांसिस्को में 50 देश एकत्र हुए. तय हुआ कि एक ऐसा संगठन होना चाहिए जो संकट काल में मध्यस्थ की भूमिका अदा कर सके. संयुक्त राष्ट्र का चार्टर तैयार करने का फैसला हुआ. यह काम इतना तेज हुआ कि 25 जून को इसे अपना लिया गया. इस तरह 24 अक्तूबर 1945 को संयुक्त राष्ट्र की स्थापना हुई.
दुनिया के 195 देश यूएन से जुड़े
अब दुनिया के 195 देश इसके सदस्य हैं. सभी देशों की मदद को यह संगठन आगे आता है. आज भी दुनिया के अलग-अलग दो दर्जन से ज्यादा देशों में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना तैनात है. यह उसके रेगुलर प्रयासों का हिस्सा है. इजरायल की सीमा पर लेबनान एवं सीरिया में भी शांति सेना वर्षों से तैनात है.
संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य के 17 बिन्दु दुनिया की तस्वीर बदलने का माद्दा रखते हैं. यह संगठन क्लीन एवं अफोरडेबल एनर्जी पर भी सभी सदस्य देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहा है. सीमित उद्देश्यों के साथ शुरू हुई यह यात्रा अब काफी आगे निकल चुकी है. उसके सहयोगी संगठन अलग-अलग भूमिकाओं में दुनिया से जुड़े हुए हैं. मदद कर रहे हैं.
शांति कायम रखने के लिए सैनिक भी भेजता है
पहले विश्व युद्ध के बाद साल 1929 में भी इस तरह की एक कोशिश की गई थी, तब राष्ट्र संघ का गठन किया गया था. लेकिन वह प्रभावी भूमिका नहीं निभा सकता. वहां से मिली सीख और दूसरे विश्व युद्ध की चोट के बाद दुनिया ने नए संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ की नींव रखी. आज संयुक्त राष्ट्र के पास अपनी कोई सेना नहीं है लेकिन इसका चार्टर कुछ इस तरह बना हुआ है कि सदस्य देशों की सेना एवं सुरक्षा बलों का इस्तेमाल वह दुनिया के अन्य देशों में कर रहा है.
भारतीय सेना एवं सुरक्षा बलों ने भी अपनी बड़ी भूमिका संयुक्त राष्ट्र सेना में दर्ज की है. हमारे जवानों के खाते में दुनिया के अलग-अलग देशों से तमगे हैं तो कुछ जवान विदेशी धरती पर शांति बनाने के प्रयास में शहीद भी हुए हैं. नई दिल्ली में बाकायदा एक ट्रेनिंग सेंटर स्थापित किया गया है, जो संयुक्त राष्ट्र सेना में जाने वाले जवानों-अफसरों को ट्रेंड करता है. फिर उन्हें भेजा जाता है.
सुरक्षा परिषद, आईएमएफ, विश्व बैंक, विश्व स्वास्थ्य संगठन, अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी, अंतर्राष्ट्रीय अपराध आयोग, यूनिसेफ, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन, आर्थिक एवं सामाजिक परिषद, शिक्षा, विज्ञान एवं सांस्कृतिक परिषद, पर्यावरण कार्यक्रम, संयुक्त राष्ट्र राजदूत, विश्व खाद्य कार्यक्रम, अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ संयुक्त राष्ट्र के सहयोगी संगठन हैं, जो पूरी दुनिया में अपनी भूमिका निर्वाह करते नजर आते हैं.
भारत, पहले दिन से इस संगठन का समर्थक बना रहा. संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत के रिश्ते आमतौर पर शानदार रहे हैं.