Wednesday, 13 September 2023 00:00
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शरद पवार से खुद जब यह पूछा गया था कि आपके पास कितने विधायक हैं तब शरद पवार ने कहा था मेरे पास शून्य विधायक है। आंकड़ों के खेल में दोनों ही गुट संभल कर बयान देते रहे हैं पर अब जबकि कानूनी लड़ाई सामने आ रही है उसके चलते स्थिति स्पष्ट हुई है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में दो गुट होने के बाद कौन विधायक किसके खेमे में है इसका अंदाजा लगाना मुश्किल था। शरद पवार गुट हो या अजित पवार का बगावती खेमा, दोनों ही विधायको की कुल संख्या पर चुप्पी साधे हुआ था। लेकिन अब जब लड़ाई चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंची है तो आंकड़े भी सामने आए हैं।
नंबर गेम में चाचा से आगे भतीजा
अजित पवार के खेमे में कुल 41 विधायक है जबकि शरद पवार के खेमे में 11 विधायक हैं। एनसीपी के विधायकों की कुल संख्या 54 थी जिसमें से एक विधायक की मौत हो चुकी है और नवाब मलिक की भूमिका अभी स्पष्ट नहीं है। अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत करके जुलाई में बीजेपी से हाथ मिलाया था। शरद पवार गुट की ओर से विधानसभा अध्यक्ष के पास कुल 41 विधायकों पर सूची 10 के अनुसार कार्रवाई करने की याचिका दाखिल की गई है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अभी तक एनसीपी के किसी भी विधायक को उनका पक्ष रखने के लिए नोटिस नहीं दिया गया है।
जयंत पाटिल ने दिया था ये जवाब
वहीं, आपको बता दें कि शरद पवार गुट के महाराष्ट्र अध्य्क्ष जयंत पाटिल आज भी विधायकों की स्पष्ट संख्या पर सीधा जवाब देने से बचते रहे हैं। जयंत पाटिल ने कहा था, शरद पवार गुट के पास कितने विधायक है, इसकी खुलकर हम संख्या नहीं बता सकते क्योंकि हमसे सारे लोग प्राइवेट में फोन पर बात करते हैं। हमें आकर मिलते है और हमें यह विश्वास दिलाते हैं कि वे शरद पवार के साथ है इसलिए उनका नाम बताकर उनपर अन्याय करना ठीक नही है। जयन्त पाटिल ने यह भी स्पष्ट किया कि हमने जो नोटिस दिए है सोच समझकर दिए हैं।
कानूनी लड़ाई के चलते साफ हुई तस्वीर
इससे पहले शरद पवार से खुद जब यह पूछा गया था कि आपके पास कितने विधायक हैं तब शरद पवार ने कहा था मेरे पास शून्य विधायक है। आंकड़ों के खेल में दोनों ही गुट संभल कर बयान देते रहे है पर अब जबकि कानूनी लड़ाई सामने आ रही है उसके चलते स्थिति स्पष्ट हुई है। अजित गुट ने एनसीपी की पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा करते हुए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है। इसी को लेकर चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट से जवाब मांगा था। शरद पवार गुट के सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने अपना जवाब दाखिल करने के लिए करीब 14 दिनों की मोहलत मांगी थी।