Wednesday, 31 May 2023 00:00
AWAZ PLUS MEDIA HOUSE
लखनऊ. भारतीय कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध में उतरे देश के शीर्ष पहलवान (साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया) हरिद्वार में गंगा नदी में अपने ओलंपिक और विश्व पदक विसर्जित किए बिना वापस लौट आए. मंगलवार की देर शाम को पहलवान अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ हरिद्वार पहुंचे लेकिन खाप और किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्होंने अपनी मांग को लेकर पांच दिन का अल्टीमेटम दिया है. वहीं पहलवानों के पदक विसर्जन को लेकर बृजभूषण शरण सिंह ने कटाक्ष किया.
अगर आरोपों में सच्चाई होगी तो गिरफ्तारी होगीः बृजभूषण शरण सिंह
महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि पहलवानों द्वारा अपने मेडल को गंगा में फेंकने का फैसला उनका था. मीडिया से बात करते हुए बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘आगे-आगे देखिए होता है क्या. जांच तो करने दीजिए, अब तो हमारे हाथ में कुछ नहीं है. अब तो मामला दिल्ली पुलिस के हाथ में है.’ उन्होंने कहा, ‘पहलवानों के निवेदन पर ही एफआईआर हुई. अब जांच चल रही है. अब उसमें हम उनकी क्या मदद कर सकते हैं. अब आज मेडल फेंकने गई थीं गंगा जी में…अब गंगाजी के बजाय टिकैत को दे दिया तो ये उनका स्टैंड है. इसमें हम क्या कर सकते हैं.’
बृजभूषण सिंह ने पहलवानों के फैसलों पर की टिप्पणी
वहीं इस्तीफे के सवाल पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हमारा तो कार्यकाल पूरा हो चुका है. अगर मैं गलत पाया जाता हूं तो गिरफ्तारी हो जाएगी. इसमें क्या दिक्कत है. यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को हटाने और गिरफ्तारी की मांग कर रहे ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट मंगलवार को गंगा में अपने पदक विसर्जित करने के लिए हरिद्वार पहुंची थीं.
पहलवानों ने गंगा में पदक विसर्जित करने का किया था ऐलान
इससे पहले, पहलवानों ने हाल के दिनों में सामने आई घटनाओं और अधिकारियों द्वारा स्थिति को संभालने के तरीके के बारे में एक पोस्ट साझा करते हुए पहलवानों ने ऐलान किया था कि वे मंगलवार शाम छह बजे हरिद्वार जाएंगे और अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करेंगे. पहलवानों ने अपने पोस्ट में कहा, “28 मई को जो कुछ भी हुआ, आपने देखा कि पुलिस ने हमारे साथ कैसा व्यवहार किया और जिस तरह से उन्होंने हमें गिरफ्तार किया. हम शांतिपूर्वक विरोध कर रहे थे, हमारी जगह ले ली गई और अगले दिन हमारे खिलाफ गंभीर मामले और प्राथमिकी दर्ज की गई.”
पहलवानों ने लिखा लंबा-चौड़ा पोस्ट
इसके अलावा उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘क्या पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय मांगकर कोई अपराध किया है? पुलिस और व्यवस्था हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि अत्याचारी खुलकर उपहास कर रहा है. वह खुले तौर पर पॉक्सो को बदलने की बात भी कर रहा है.” पहलवानों ने कहा, “कल हमारी कई महिला पहलवान खेतों में छिपी हुई थीं. सिस्टम को अत्याचारी को गिरफ्तार करना चाहिए, लेकिन यह पीड़ित महिलाओं को अपना विरोध खत्म करने के लिए तोड़ने और डराने में लगा हुआ है.” उन्होंने दावा किया कि उन्होंने देश के लिए जो पदक जीते हैं, उनका अब उनके लिए कोई मतलब या महत्व नहीं है.