Saturday, 28 October 2023 00:00
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हमास को पैसे देने वाले देशों में कतर सबसे आगे रहा है. इस्माइल हानिया समेत हमास के कई बड़े नेता कतर में रहते हैं और वहीं से इजराइल को बर्बाद करने का ख्वाब देखते हैं. इजराइल और अमेरिका ने हमास को आतंकी संगठन घोषित किया हुआ. गाजा पट्टी पर 2007 से हमास की सरकार चल रही है. ईरान ने इस सरकार को मान्यता दी हुई है. इसलिए हमास को सबसे ज्यादा फंडिंग ईरान से ही होती है. आइए समझते हैं कि किस आतंकी संगठन को कैन कर रहा फंडिंग?
गाजा में हाहाकार मचा हुआ है लेकिन हिज्बुल्लाह और हमास के आतंकी आका कतर और इस्तांबुल में ऐश कर रहे हैं. सवाल ये है कि हमास तक इतना पैसा पहुंच कहां से रहा है? हमास इतने पैसे से क्या कर रहा है? हमास की अकूत संपत्ति कहां है? हमास को नेस्तनाबूद करने से पहले बाइडेन और बेंजामिन नेतन्याहू कैसे उसके खजाने पर चोट करने वाले हैं? देखिये गाजा में रक्तपात, हमास का ‘अर्थशास्त्र’!
हिज्बुल्लाह और हमास, इजरायल के ये दो दुश्मन ताकतवर होने के साथ-साथ दुनिया के दो सबसे अमीर आतंकी संगठन भी हैं. सिर्फ हिज्बुल्लाह और हमास के पास ही इतना पैसा है, जितना दुनिया के कई छोटे देशों के पास नहीं है. इसी पैसे के दम पर हमास के आतंकी इजराइल पर एक साथ 7000 रॉकेट दागने का दम रखते हैं. इसी पैसे के दम पर हिज्बुल्लाह और हमास ने इजरायल की नाक में दम कर रखा है.
जर्मनी की रिसर्च एजेंसी स्टेटिस्टा ने दुनिया के सबसे अमीर आतंकी संगठनों की रैंकिंग जारी की है:
- लेबनान से इजराइल पर मिसाइल हमले करने वाला आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह पहले नंबर पर है. हिज्बुल्लाह की फंडिंग एक साल में 110 करोड़ डॉलर यानी करीब 9,130 करोड़ रुपये के बराबर है.
- दूसरे नंबर पर है गाजा पट्टी में इजराइल का दुश्मन नंबर 1 हमास. हमास को हर साल कम से कम 100 करोड़ डॉलर की फंडिंग मिलती है. 100 करोड़ डॉलर का मतलब है करीब 8,300 करोड़ रुपए.
- हिज्बुल्लाह की 110 करोड़ डॉलर की सालाना आमदनी और हमास की 100 करोड़ डॉलर की सालाना फंडिंग को मिला दिया जाए तो 210 करोड़ डॉलर की रकम होती है. इसे रुपयों में बदलें तो एक साल में 17,430 करोड़ रुपये होते हैं.
- सबसे अमीर आतंकी संगठनों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर तालिबान का नंबर है. तालिबान की कमाई सालाना 80 करोड़ डॉलर यानी करीब 6,640 करोड़ रुपए है.
- हिज्बुल्लाह, हमास और तालिबान के बाद चौथे नंबर पर है अल-कायदा. ओसामा और अल-जवाहिरी की मौत के बाद अल-कायदा कमजोर हुआ है. फिर भी अल-कायदा तक एक साल में करीब 30 करोड़ डॉलर यानी करीब 25,00 करोड़ रुपए पहुंच जाते हैं.
- लिस्ट में पांचवें नंबर पर है दुनिया का सबसे क्रूर आतंकी संगठन रहा इस्लामिक स्टेट यानी ISIS. ISIS की कमाई सालाना 20 करोड़ डॉलर यानी एक साल में करीब 1660 करोड़ रुपए है.