Tuesday, 04 July 2023 00:00
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सनातन धर्म में वानर (बंदर) को हनुमान माना जाता है. इनकी पूजा भी जाती है. हालांकि, यह भी वास्तविकता है कि प्राय: हनुमान लोगों से दूरी बनाकर चलते हैं. उनके साथ छेड़छाड़ करने पर वे लोगों पर हमलावर भी हो जाते हैं. लेकिन, बांका के बाराहट प्रखंड में जो दृश्य देखा गया इससे लोगों की श्रद्धा हनुमान में और भी बढ़ गई.
हनुमान को लोगों के भीड़ में अमूमन नहीं देखा जाता है, लेकिन बांका जिले के बाराहाट प्रखंड के बेलुटिकर गांव में लोगों की भीड़ के बीच हनुमान ने एक सामान्य संवेदनशील मानव की तरह अपनी संवेदना का प्रकटीकरण किया. सामाजिक कार्यकर्ता और बजरंगबली भक्त मनोज कुमार के निधन के बाद एक हनुमान उनसे तब तक लिपटते रहे, चूमता रहे जब तक कि उनकी अर्थी उठ नहीं गई।
इस दृश्य को देख कर लोग भी भौंचक्के रह गए. यह दृश्य देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी. तब तक हनुमान अपने भक्त के पास बैठे रहे और उन्हें अपने मुख से चूमते रहे. कभी आलिंगन करने का प्रयास भी करते दिखे तो कभी अपनी भक्त के लिए उनकी आंखें नम देखी गईं।
इस घटना को लेकर मृतक मनोज कुमार के सहपाठी राजीव लोचन मिश्र और अन्य ग्रमीणों ने पूरी जानकारी दी. इनके अनुसार, मृतक मनोज कुमार के चाचा अर्जुन कुंवर को शादी के काफी वर्षो बाद भी संतान की प्राप्ति नहीं होने हुई थी. इसको लेकर उन्होंने हनुमान मंदिर बनवाने का संकल्प व्यक्त किया था. लेकिन, कुछ ही वर्षों बाद उननकी मृत्यु हो गयी और संकल्प पूरा नहीं हो सका।
बाद में चाचा के संकल्प को बाद में पूरा करने का काम उनके भतीजे मृतक मनोज कुमार ने अपने गांव में किया था. यही नहीं मंदिर बनवाने के बाद से लगातार प्रत्येक मंगलवार को मंदिर में भजन कीर्तन भी करवाते थे।
इसी क्रम में हनुमान से उनकी नजदीकी देखी जाती थी. हनुमान भी अपने भक्त का बेहद ध्यान रखते. लेकिन, काल को कुछ और मंजूर था और मनोज की असमय मृत्यु हो गई. इसके बाद हनुमान से भी रहा नहीं गया और वे मृतक मनोज के शव से लिपटते रहे।
ग्रामीणों के लिए यह दृश्य न केवल आश्चर्य में डालने वाला था, बल्कि भावुक करने वाला भी था. ऐसा लग रहा था मानो हनुमान अपने भक्त मनोज से अलग नहीं होना चाहते थे. वे तब तक लिपटने और शव को चूमते रहे जब तक अर्थी उठ नहीं गई।