Saturday, 16 September 2023 00:00
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कल्याण डोम्बिवली नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि इमारत को पहले ही खतरनाक घोषित किया जा चुका था लेकिन फिर भी कुछ लोग यहां पर रह रहे थे।
ठाणे: महाराष्ट्र में ठाणे जिले के डोम्बिवली इलाके में शुक्रवार को 4 मंजिला रिहायशी इमारत गिरने से 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक महिला को मलबे से जिंदा निकाल लिया गया। नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि प्राधिकारियों ने पहले ही इमारत को ‘जर्जर और खतरनाक’ घोषित किया हुआ था। ऐसे में देखा जाए तो नगर निकाय की चेतावनी के बावजूद इमारत में रहने की लापरवाही की कीमत 2 लोगों को जान देकर चुकानी पड़ी। अधिकारी ने बताया कि कल्याण डोम्बिवली नगर निगम (KDMC) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले आयरे गांव में स्थित ‘आदिनारायण भवन’ शाम को ढह गया।
‘इमारत को खाली कराया जा रहा था’
अधिकारी ने बताया कि इमारत में 44 मकान थे और इसका कुछ हिस्सा गिरने के बाद गुरुवार से ही इसे खाली कराया जा रहा था। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम करीब 5 बजकर 40 मिनट पर इमारत गिर गयी और रेस्क्यू टीम ने कुछ समय बाद मलबे से 55 साल के सूरज बिरजा लोद्या का शव निकाला। ठाणे नगर निगम के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख यासीन तडवी ने बताया कि रात करीब 09:15 बजे 54 वर्षीय दीप्ति सुनील लोद्या को मलबे से जीवित निकाला गया और उसे एक नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने बताया कि बाद में मलबे से 70 साल के अरविंद भटकर नाम के एक शख्स का शव भी निकाला गया।
‘कुछ लोग यहां वापस लौट आए थे’
तडवी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी चलाया जा रहा है क्योंकि एक और व्यक्ति के मलबे में दबे होने की आशंका है। KDMC प्रमुख भाऊसाहेब दांगडे ने बताया कि ऐसी जानकारी है कि 2 लोग बीमार थे और उनके मलबे में फंसे होने की आशंका थी जबकि बाकी अन्य निवासियों को बाहर निकाल लिया गया था। दांगडे ने कहा, ‘50 वर्ष पुरानी इमारत को खतरनाक घोषित किया गया था और इसमें रहने वाले लोगों को एक नोटिस जारी कर इमारत खाली करने के लिए कहा गया था। कई लोगों ने इमारत खाली कर दी थी लेकिन कुछ यहां लौट आए थे।’
‘वार्ड में थीं 40 खतरनाक इमारतें’
दांगडे ने बताया कि इमारत का कुछ हिस्सा गिर रहा था और गुरुवार शाम को इसे खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी। उन्होंने कहा कि इमारत ढहने के वक्त भी यह प्रक्रिया चल रही थी। वहीं, नगर निकाय के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि वार्ड में 40 इमारतें थीं जिन्हें खतरनाक घोषित किया गया था जबकि KDMC की सीमा के तहत विभिन्न श्रेणियों में ऐसी 602 इमारतें हैं। ऐसी इमारतों पर नगर निकाय की कार्रवाई पर एक सवाल के जवाब में दांगडे ने कहा कि अभी घटनास्थल पर तलाश एवं बचाव अभियान चलाना प्राथमिकता है।