Saturday, 06 May 2023 00:00
AWAZ PLUS MEDIA HOUSE
--आयुष के इसी जुनून ने दिलाया उठाए यू ट्यूब सिल्वर प्ले बटन।
--2017 से यू ट्यूब पर मास्टर साहब नाम से चैनल बना पढ़ा रहा संस्कृत।
-- आज 1 लाख 20 हजार है फ़ॉलोवर, जबकि 1 करोड़ से ज्यादा है व्यूअर
सीतामढ़ी। संस्कृति को बचाने के लिये संस्कृत से की यारी और करा रहा संस्कृत की तैयारी 21 वर्षीय साइंस के छात्र आयुष जो संस्कृत को जन जन तक पहुचाने का मानो जुनून है। उसके इसी जुनून ने उसे यू ट्यूब से सिल्वर प्ले बटन तक दिलवाया।
बेलसंड प्रखण्ड के परराही गांव निवासी संजय कुमार मधु व अर्चना कुमारी के पुत्र ने संस्कृत की दशा सुधारने के लिये 2017 में मास्टर साहब नाम से यू ट्यूब चैनल बना बच्चो को बिहारी अंदाज में संस्कृत की शिक्षा देने लगा। उसके बिहारी अंदाज से सरल भाषा मे पढ़ाई के कारण छात्र दीवाने हो गए,और फ़ॉलोअर की संख्या में बृद्धि होती चली गई। उसके प्रसिद्धि से कई ऑन लाइन कोचिंग संस्थानों ने उसे 1 लाख तक महीने का ऑफर दिया, बाबजूद उसने उसे ठुकरा कर छात्रों को अपने चैनल के माध्यम से निःशुल्क शिक्षा जारी रखा। परिणाम स्वरूप आज मास्टर साहब के 1लाख 20 हजार फॉलोअर है वही 1 करोड़ से ज्यादा व्यूअर है।
साइंस से खुद कर रहा ग्रेजुएशन की पढ़ाई
आयुष मुज़फ्फरपुर स्थित आर डी एस कॉलेज से मैथ्स से स्नातक की पढ़ाई कर रहा है।अपने चकमहिला स्थित डेरे पर ही एक छोटे से कमड़े में व्यवस्था कर बच्चो को अपने छोटे भाई आशीष की सहायता से ऑन लाइन शिक्षा दे रहा है।
पिता भी नवसाक्षरों को दे रहे शिक्षा आयुष के पिता संजय कुमार मधु जिला साक्षरता कार्यालय में एस आर पी के रूप में कार्यरत है। वे खुद भी असाक्षर महिलाओं की जिंदगी में साक्षरता का दीप जलाने में लगे है।
आयुष का मानना है कि संस्कृत हमारे देश की धरोहर है और भाषा मां होती है । माँ का हमेशा सम्मान करना चाहिए ।छात्रों के नैतिक विकास और बौद्धिक विकास में भाषा का अहम योगदान है। वर्ग 6 से 10 तक संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षको की बहुत कमी है, इसलिए उसने संस्कृत पढ़ाना शुरू किया। पढ़ाई में बच्चो की रुचि बनी रहे इसलिए बिहारी अंदाज में बच्चो को यू ट्यूब के माध्यम से पढ़ाने में लगा है।