Tuesday, 05 September 2023 00:00
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भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 अपने लक्ष्य की ओर सफलतापूर्वक बढ़ता चला जा रहा है। इसे लेकर रोज नए अपडेट सामने आ रहे हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से लॉन्च किए गए भारत के पहले सूर्य मिशन के बारे में लगातार अपडेट निकलकर सामने आ रही है। आदित्य एल-1 लगातार अपनी निर्धारित दिशा में सफलतापूर्वक बढ़ते जा रहा है। अब इसरो ने अपडेट जारी करते हुए बताया है कि मिशन के यान ने सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा बदलने का दूसरा चरण पूरा कर लिया है। इसरो के अनुसार, मॉरीशस, बेंगलुरु और पोर्ट ब्लेयर में ISTRAC/ISRO के ग्राउंड स्टेशनों ने आदित्य एल-1 को ट्रैक किया।
कहां तक पहुंचा?
इसरो ने अपडेट जारी करते हुए बताया है कि दूसरा चरण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद आदित्य एल1 की नई कक्षा 282 किमी x 40225 किमी हो गई है। अब इसरो की ओर से 5 दिन बाद आदित्य एल-1 को तीसरे ऑर्बिट में पहुंचाया जाएगा। आदित्य एल-1 आगामी 10 सितंबर को सुबह 2 बजकर 30 मिनट पर तीसरी कक्षा में प्रवेश करने की कोशिश करेगा।
कब पहुंचेगा अपनी मंजिल तक?
जब आदित्य L1 पृथ्वी के स्पेहर ऑफ इनफ्लूएंस यानी गुरुत्वीय बल के दायरे से बाहर हो जाएगा तब ट्रांस लेगरान्ज 1 इनसर्शन किया जाएगा यानी उसे सूर्य की ओर L1 प्वाइंट के लिए मोड़ दिया जाएगा। यहां से 116 दिनों की यात्रा के बाद आदित्य L1 सेटेलाइट L1 पॉइंट पर पहुंच जाएगा। इस तरह कुल 128 दिन की यात्रा के बाद आदित्य L1 उपग्रह L1 प्वाइंट पर स्थापित हो जाएगा।
ये है मिशन का लक्ष्य
आदित्य एल-1 को 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। आदित्य एल1 को सूर्य की स्टडी के लिए एल1 पॉइंट के हेलो ऑर्बिट में सेट किया जाएगा। ये प्वाइंट सूर्य से करीब 15 लाख किमी दूर है। आदित्य एल1 के साथ भेजे गए पेलोड सूरज की रोशनी, प्लाजमा और चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करेंगे।