आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने गुरुवार को एक अहम बैठक की. बीजेपी की इस बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक में जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे पर चर्चा हुई और रणनीति बनाई गई. ढाई घंटे से ज्यादा चली इस बैठक में देशभर से आए बीजेपी के करीब 42 से ज्यादा नेताओं शिरकत की.
बता दें कि बीजेपी ने विपक्ष के द्वारा लगातार उठाए जा रहे जातिगत जनगणना के मुद्दे को लेकर बहुत गंभीरता से चिंतन मनन शुरू कर दिया है. इस बैठक में पिछड़े वर्ग के बीच अपनी पकड़ कैसे मजबूत किया जाए, इसको लेकर गहन चर्चा की गई. बीजेपी की इस अहम बैठक में इस बात पर फैसला लिया गया कि जल्दी ही एक कोर कमिटी बनाई जाएगी, जो आगे की रणनीति तय करेगी.
कमिटी में कौन कौन नेता होंगे, किसके नेतृत्व में कमिटी बनेगी और इसका कंपोजिशन क्या होगा इस पर बहुत जल्द पार्टी निर्णय लेगी. बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों के विभिन्न आयामों और जातिगत जनगणना के अलावा महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर चल रहे आंदोलन के मुद्दे को लेकर भी हुई चर्चा. बैठक में इस पर भी चर्चा की गई कि 2024 को लेकर विपक्षी दलों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों को कैसे कुंद किया जाए.
BJP निकालेगी विपक्ष के मुद्दों की काट
इसके साथ ही, केंद्र सरकार और बीजेपी की छवि को समतामूलक पार्टी के रूप में कैसे रखा जाए, इसको लेकर भी बातचीत हुई. बैठक के बारे में समग्र जानकारी रखने वाले एक नेता के मुताबिक, बीजेपी जल्दी ही जातिगत जनगणना के मुद्दे की काट को लेकर देशभर में ओबीसी वर्ग के बीच सघन कार्यक्रम चलाने की बना योजना रही है.
बीजेपी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग का जवाब देने के लिए ठोस रणनीति बनाने की कवायद तेज कर दी है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी के कई बड़े और दिग्गज नेता अब जल्दी ही ओबीसी वर्ग के बीच जाकर केंद्र सरकार और पार्टी द्वारा ओबीसी वर्ग के लिए किए जा रहे कामों को लेकर चर्चा और परिचर्चा तेज करेंगे.
ए-बी-सी-डी श्रेणी की सीटों पर हुई चर्चा
बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के साथ यूपी की ओबीसी नेताओं की करीब ढाई घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में 2019 लोकसभा चुनाव परिणाम के लिहाज से ए-बी-सी-डी श्रेणी की सीटों पर चुनावी तैयारी के लिए चर्चा हुई. यूपी में विपक्ष के कब्जे वाली 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव जीतने के लिए की जा रही तैयारी पर बात हुई, जिस पर एक साल से पार्टी काम कर रही है.
बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यूपी में जाट, गुर्जर, कुर्मी, यादव, मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाहा, निषाद, राजभर सहित पिछड़े वर्ग के अन्य समाजों के सामाजिक सम्मेलन कराने की योजना बनाई गई. पिछड़े वर्ग के साथ अनुसूचित जाति और अगडी जातियों के लिए प्रदेश स्तर पर रणनीति तैयार करने पर मंथन हुआ. इसके लिए दूसरे दलों के प्रभावी नेताओं को पार्टी में शामिल कराने के साथ छोटे-छोटे दलों को साथ लेने की योजना पर भी बात हुई.
सूत्रों के मुताबिक बैठक में यह माना गया कि बिना ओबीसी वोटबैंक के सत्ता की हैट्रिक लगाना संभव नहीं हैं. उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र में प्रमुख विपक्षी दलों के साथ क्षेत्रीय दलों की ओर से पिछड़े वोट बैंक में सेंध लगाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में पिछड़े वर्ग को साधे रखना किसी चुनौती से कम नहीं है. इन तमाम चुनौती का सामना करने के लिए बैठक में पिछड़े वर्ग के नेताओं से सुझाव लिए गए और ओबीसी वोटोंबैंक को जोड़े रखने की रणनीति बनाई गई है.
इस बैठक में 42 से ज्यादा नेताओं ने की शिरकत
इस अहम बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और नितिन गडकरी ने भी हिस्सा लिया. मुख्यतौर पर यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली समेत देश के विभिन्न राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा के नेता शामिल हुए. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, केंद्रीयमंत्री बीएल वर्मा, राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र नागर सरीखे नेताओं ने इस बैठक में हिस्सा लिया. बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष डॉ के लक्ष्मण ने भी बैठक में हिस्सा लिया. बिहार से सुशील कुमार मोदी, प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने हिस्सा लिया.