Thursday, 18 May 2023 00:00
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नई दिल्ली: कर्नाटक में सरकार गठन को लेकर लंबे मंथन के बाद कांग्रेस आखिरकार आम सहमति बनाने में कामयाब रही. सिद्धारमैया कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे और डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. पार्टी की ओर से बुधवार देर रात इस बारे में आधिकारिक घोषणा की गई. राज्य में नई सरकार का शपथ ग्रहण 20 मई को बेंगलुरु में दोपहर 12:30 बजे होगा. इससे पहले आज शाम 7 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. कांग्रेस की ओर से राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया गया है, मेल के जरिए उन्हें इसकी सूचना दी गई. इस बाबत आज राजभवन को पत्र भी भेज दिया जाएगा. कर्नाटक के लिए कांग्रेस के तीनों ऑब्जर्वर सुशील कुमार शिंदे, दीपक बावरिया और भंवर जितेंद्र सिंह आज शाम विधायक दल की बैठक से पहले बेंगलुरु पहुचेंगे.
सिद्धारमैया को आज शाम बेंगलुरु में होने वाली बैठक में कांग्रेस विधायक दल के नेता के रूप में चुना जाएगा. कैबिनेट गठन की चर्चा लगभग पूरी हो गई है. सूत्रों की मानें तो कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कर्नाटक में सरकार गठन पर आम सहमति बनाने और समाधान खोजने के लिए बुधवार रात भर काम किया. डीके शिवकुमार के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी की बुधवार देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में समाधान निकाला गया. एआईसीसी के महासचिव केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला भी इस वीसी में मौजूद थे. बेंगलुरु के कांतिरावा स्टेडियम में शपथ ग्रहण समारोह के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है. सिद्धारमैया (75 वर्षीय कुरुबा नेता) दूसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनेंगे. वह 2013 से 2018 तक राज्य के सीएम रह चुके हैं.
इससे पहले बुधवार को, कई मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि कांग्रेस आलाकमान ने डीके शिवकुमार को 6 विभागों के साथ उपमुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की थी. हालांकि, कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने इन खबरों को खारिज कर दिया था और मीडिया से अटकलें नहीं लगाने का आग्रह किया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जनता परिवार के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले जमीनी नेता सिद्धारमैया 2006 में एचडी देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर) से निकाले जाने के बाद कांग्रेस में शामिल हो गए. वह देवराज उर्स के बाद 5 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले कर्नाटक के केवल दूसरे मुख्यमंत्री हैं. कांग्रेस के तीन पर्यवेक्षकों द्वारा पार्टी आलाकमान को भेजी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, वकील से राजनेता बने सिद्धारमैया का मुख्यमंत्री के रूप में चयन से आश्चर्य नहीं हो सकता है, क्योंकि उनके पास स्पष्ट रूप से 85 विधायकों का समर्थन था.