Tuesday, 09 January 2024 00:00
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किसान की खुदकुशी मामले में बिजली विभाग ने सफाई दी है. झींझक के अवर अभियन्ता करन यादव ने बताया कि पिता ने बेटे को पैसे दिए थे. बिजली बिल अदा करने के बजाय बेटे ने खर्च कर दिया।
कानपुर देहात में किसान की मौत का कारण बिजली बिल बन गया. मामला रसूलाबाद तहसील के मजरा दिवरा गांव का है. मृतक के बेटे राकेश राजपूत ने झींझक-रसूलाबाद के विद्युत अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर पिता ने खुदकुशी कर ली. बकाया बिल की वसूली के लिए बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी घर पर आ धमकते थे. उन्होंने बताया कि रात में भी अधिकारी घर पर पहुंचकर पिता से दुर्व्यवहार करते थे. आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने पर पिता ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली. मृतक भगवानदीन राजपूत ने खेत पर निजी नलकूप के लिए सन 2010 में बिजली कनेक्शन लिया था.
बिजली के बकाए बिल ने ली किसान की जान!
2015 में नलकूप खराब होने पर ठीक नहीं करवा पाए. बेटे ने बताया कि पारिवारिक हालात ठीक नहीं थी. लेकिन बिजली बिल हमेशा आता रहा. पिता बकाया बढ़ने से परेशान हो गए. उन्होंने शिकायत बिजली विभाग के उच्च अधिकारियों से की.
अधिकारियों ने पिता की फरियाद नहीं सुनी. कुछ दिनों बाद घर पर बिजली का बिल पहुंच गया. अधिकारी बकाया जमा करने का दबाव बनाने लगे. पिता ने जानना चाहा कि बिजली का उपयोग किए बिना बिल कैसे आ रहा है. उन्होंने इंसाफ के लिए जिले के अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री तक को चिट्ठी लिख डाली.
विद्युत विभाग के अधिकारी ने बताया कारण
कहीं सुनवाई नहीं होने और बिजली विभाग के अधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने जिंदगी समाप्त करने का फैसला कर लिया. पिता की मौत से परिवार में मातम पसरा है. झींझक के जेई करन यादव ने बताया प्रकरण की जानकारी विभाग को है. मृतक किसान का बिल 4 लाख 50 हजार के लगभग बना हुआ था. छूट के बाद बकाए को 1 लाख 64 हजार में परिवर्तित कर दिया गया.
बकाया बिल मृतक भगवानदीन को देना था. बिल की राशि मृतक ने बेटे को रखने के लिए दिए थे. बेटे ने अदायगी के लिए रखी राशि को खर्च कर दिया. विवाद में पिता और पुत्र के बीच लड़ाई हुई. गुस्से में पिता ने जहर खाकर जान दे दी. अब किसान की मौत का जिम्मेदार विद्युत विभाग को बताया जा रहा है. बता दें कि किसान ने 9 दिसंबर को जहर खाकर खुदकुशी कर ली थी.