मणिपुर वायरल वीडियो मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. पहाड़ी राज्य से लेकर राजधानी दिल्ली तक इस मामले को लेकर बवाल हुआ है, लेकिन यह समझना भी जरूरी है कि 4 मई को आखिर हुआ क्या था?
मणिपुर की घटना ने हर किसी के दिल को दहलाया है. महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाते हुए जो वीडियो पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है, वह उस राज्य के हालात को दिखाता है. 4 मई की हुई इस घटना के करीब 77 दिन बाद 4 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन ये सब तब हुआ जब देश में इसको लेकर गुस्सा पैदा हुआ, सड़क से लेकर संसद तक, विपक्ष से लेकर सत्ता पक्ष तक ने रोष व्यक्त किया है.
लेकिन 4 मई को आखिर मणिपुर के उस गांव में क्या हुआ था, आखिर वो कैसे हालात थे कि इस तरह महिलाओं को नग्न कर सड़क पर घुमाया गया और कोई उसे रोक नहीं पाया. आपको समझाने की कोशिश करते हैं…
4 मई को क्या हुआ था?
कुकी-नगा और मैतई समुदाय की बहस मणिपुर में लंबे वक्त से चल रही थी, आरक्षण को लेकर जो बहस शुरू हुई वह अदालत के फैसले के बाद और भी भड़क गई. मैतई समुदाय को एसटी के अधिकार देने की बात को लेकर 4 मई को एक प्रदर्शन बुलाया गया था, इसी प्रदर्शन से राज्यभर में हिंसा की चिंगारी फैली और दोनों समुदाय आमने-सामने आ गए.
मणिपुर के कंगपोकपी जिले के बी. फैनम गांव में मैतई समुदाय के लोगों ने हमला बोल दिया. करीब 1000 से अधिक लोग इस गांव में घुसे और तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी शुरू कर दी. यहां से लोग जान बचाकर भाग रहे थे, इन्हीं में से पांच लोगों को पुलिस ने बचाया और अपने साथ सुरक्षित स्थानों पर ले जाने लगे. इनमें 3 महिलाएं और दो पुरुष थे, उग्र भीड़ ने इन्हें पुलिस से छीन लिया और हमला बोल दिया.
इनमें से 56 साल के पुरुष को मार दिया गया, जबकि 3 महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया. इनमें से 2 महिलाओं को नग्न कर सड़क पर घुमाया गया, जबकि 21 साल की एक लड़की के साथ गैंगरेप हुआ. लड़की के भाई ने जब भीड़ से उसे बचाने की कोशिश की, तब उसे भी मार दिया गया था. जिन दो लड़कियों को निर्वस्त्र कर घुमाया गया, उनके साथ यौन शोषण किया गया.
करगिल के हीरो ने सुनाई कहानी
उग्र भीड़ ने जिन महिलाओं को निर्वस्त्र किया, उसमें से एक के पति ने करगिल की जंग के दौरान सेना में रहते हुए देश की सेवा की थी. ये महिला उस वायरल वीडियो में नहीं दिखी थी, उनके पति ने बताया कि उस दिन भीड़ पागलों की तरह हमला कर रही थी और तबाही मचा रही थी. इस दौरान भीड़ ने घरों को बर्बाद किया, खाने-पीने का सामान चोरी किया और लोगों के जानवरों को भी लूट ले गए.
उन्होंने मदद मांगने की कोशिश की, लेकिन तब कोई नहीं आ पाया. उग्र भीड़ ने महिलाओं को गनप्वाइंट पर नग्न करवाया और सड़क पर ही अभद्रता की. करगिल लड़ाई लड़ने वाले इस सैनिक के मुताबिक, इस घटना को लेकर जीरो एफआईआर दर्ज हुई थी लेकिन इसे दर्ज करने वाले अफसर का ही अगले दिन ट्रांसफर हो गया था. इसी वजह से इस मामले में एक्शन टलता रहा. पूर्व सूबेदार के मुताबिक, भीड़ ने उनका घर भी जला दिया जिसे उन्होंने सालों की मेहनत और बचत से बनाया था. अब गांव में जाने के लिए कुछ नहीं है, क्योंकि वह पूरा उजाड़ दिया गया है.
वायरल वीडियो मामले में क्या एक्शन हुआ
4 मई को हुई इस घटना का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ था, तब ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह एक बड़ा मसला बना. देशभर में हुए हंगामे के बाद पुलिस ने इस मामले में एक्शन लिया, शुक्रवार सुबह तक इस घटना के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
राज्य के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह का कहना है कि वह आरोपियों को फांसी की सजा दिलवाने की कोशिश करेंगे, क्योंकि जो घटना हुई है वह काफी जघन्य है. बता दें कि शुक्रवार को ही मणिपुर वायरल वीडियो के मुख्य आरोपी के घर को आग के हवाले कर दिया गया था.
कब-क्या हुआ? 4 मई 2023: बी. फैनम गांव में भीड़ ने हमला किया. महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ और निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाया गया.
18 मई 2023: इस मामले में जीरो एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन इसमें कोई एक्शन नहीं हो पाया.
21 जून 2023: एक बार फिर से एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें घटना की विस्तृत जानकारी थी और थाना भी तय हुआ था.
19 जुलाई 2023: सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो वायरल हुआ, जिसके बाद पूरे देश में हंगामा हुआ.
20 जुलाई 2023: वायरल वीडियो मामले के 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. मुख्य आरोपी के घर को गांववालों ने आग लगा दी.